देवशयनी एकादशी पर करें भगवान विष्णु के इन मंत्रों का जप
देवशयनी एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | देवशयनी एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है. हर वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष एकादशी पर ये व्रत किया जाता है. पुराणों में कहा गया है कि इस तिथि से भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं. यही कारण है कि शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं, चातुर्मास का आरंभ हो जाता है
इस साल देवशयनी एकादशी व्रत 20 जुलाई, मंगलवार को है. जानें देवशयनी एकादशी पर पूजन का शुभ मुहूर्त और व्रत विधि.
देवशयनी एकादशी
एकादशी तिथि 19 जुलाई, सोमवार को रात 09:59 बजे से शुरू हो रही है. 20 जुलाई को शाम 07:17 बजे तक रहेगी. उदया तिथि होने के कारण 20 जुलाई को व्रत रखा जाएगा.
20 जुलाई के शुभ मुहूर्त ये हैं-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:14 एएम से 04:55 एएम
अभिजित मुहूर्त- 12:00 पीएम से 12:55 पीएम
विजय मुहूर्त- 02:45 पीएम से 03:39 पीएम
गोधूलि मुहूर्त- 07:05 पीएम से 07:29 पीएम
अमृत काल- 10:58 एएम से 12:27 पीएम
देवशयनी एकादशी व्रत विधि
प्रातः स्नान करें. भगवान विष्णु का स्मरण करें. व्रत का संकल्प लें. पीले रंग का आसन बिछाकर उस पर विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करें. भगवान विष्णु को धूप, दीप, पीले फूल अर्पित करें.
पूरे दिन व्रत रहें. भगवान विष्णु का ध्यान करें एवं मन में उनके मंत्रों का जप करें. शाम के समय भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी का पूजन करें. प्रसादचढ़ाएं. अगले दिन द्वादशी तिथि पर दान के बाद ही व्रत का पारण करें.
भगवान विष्णु के मंत्र
ॐ विष्णवे नम:
ॐ अं वासुदेवाय नम:
ॐ आं संकर्षणाय नम:
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
ॐ नारायणाय नम: