सोम प्रदोष पर करें भगवान शिव के इन मंत्रों का जाप

भगवान भोलेनाथ अपने नाम के अनुरूप भोले और अवढ़रदानी हैं। अपने भक्तों का कष्ट और संकट उनसे नहीं देखे जाते।

Update: 2021-10-03 03:00 GMT

भगवान भोलेनाथ अपने नाम के अनुरूप भोले और अवढ़रदानी हैं। अपने भक्तों का कष्ट और संकट उनसे नहीं देखे जाते। जो भी सच्ची निष्ठा और श्रद्धाभाव से भगवान शिव का पूजन करते हैं आशुतोष शिव उनके सारे दुख हर लेते हैं। इस सोमवार को भगवान शिव को प्रसन्न करने के विशेष संयोग का निर्माण हो रहा है। इस सोमवार, 04 अक्टूबर को त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि एक साथ पड़ने के कारण प्रदोष और मासिक शिवरात्रि का व्रत एक साथ ही रखा जाएगा। एक साथ भगवान शिव के प्रिय सोम प्रदोष और शिवरात्रि का संयोग अति विशिष्ट है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न कर आसानी से उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। धर्माचार्यों के अनुसार इस दिन भगवान शिव के 108 नाम मंत्रों का रूद्राक्ष की माला से जाप कर, उनका पंचाभिषेक करें। भगवान शिव आपकी सभी मनोकानाओं की पूर्ति करेगें.....


भगवान शिव के 108 नाम मंत्र

१- ऊँ भोलेनाथ नमः

२-ऊँ कैलाश पति नमः

३-ऊँ भूतनाथ नमः

४-ऊँ नंदराज नमः

५-ऊँ नन्दी की सवारी नमः

६-ऊँ ज्योतिलिंग नमः

७-ऊँ महाकाल नमः

८-ऊँ रुद्रनाथ नमः

९-ऊँ भीमशंकर नमः

१०-ऊँ नटराज नमः

११-ऊँ प्रलेयन्कार नमः

१२-ऊँ चंद्रमोली नमः

१३-ऊँ डमरूधारी नमः

१४-ऊँ चंद्रधारी नमः

१५-ऊँ मलिकार्जुन नमः

१६-ऊँ भीमेश्वर नमः

१७-ऊँ विषधारी नमः

१८-ऊँ बम भोले नमः

१९-ऊँ ओंकार स्वामी नमः

२०-ऊँ ओंकारेश्वर नमः

२१-ऊँ शंकर त्रिशूलधारी नमः

२२-ऊँ विश्वनाथ नमः

२३-ऊँ अनादिदेव नमः

२४-ऊँ उमापति नमः

२५-ऊँ गोरापति नमः

२६-ऊँ गणपिता नमः

२७-ऊँ भोले बाबा नमः

२८-ऊँ शिवजी नमः

२९-ऊँ शम्भु नमः

३०-ऊँ नीलकंठ नमः

३१-ऊँ महाकालेश्वर नमः

३२-ऊँ त्रिपुरारी नमः

३३-ऊँ त्रिलोकनाथ नमः

३४-ऊँ त्रिनेत्रधारी नमः

३५-ऊँ बर्फानी बाबा नमः

३६-ऊँ जगतपिता नमः

३७-ऊँ मृत्युन्जन नमः

३८-ऊँ नागधारी नमः

३९- ऊँ रामेश्वर नमः

४०-ऊँ लंकेश्वर नमः

४१-ऊँ अमरनाथ नमः

४२-ऊँ केदारनाथ नमः

४३-ऊँ मंगलेश्वर नमः

४४-ऊँ अर्धनारीश्वर नमः

४५-ऊँ नागार्जुन नमः

४६-ऊँ जटाधारी नमः

४७-ऊँ नीलेश्वर नमः

४८-ऊँ गलसर्पमाला नमः

४९- ऊँ दीनानाथ नमः

५०-ऊँ सोमनाथ नमः

५१-ऊँ जोगी नमः

५२-ऊँ भंडारी बाबा नमः

५३-ऊँ बमलेहरी नमः

५४-ऊँ गोरीशंकर नमः

५५-ऊँ शिवाकांत नमः

५६-ऊँ महेश्वराए नमः

५७-ऊँ महेश नमः

५८-ऊँ ओलोकानाथ नमः

५४-ऊँ आदिनाथ नमः

६०-ऊँ देवदेवेश्वर नमः

६१-ऊँ प्राणनाथ नमः

६२-ऊँ शिवम् नमः

६३-ऊँ महादानी नमः

६४-ऊँ शिवदानी नमः

६५-ऊँ संकटहारी नमः

६६-ऊँ महेश्वर नमः

६७-ऊँ रुंडमालाधारी नमः

६८-ऊँ जगपालनकर्ता नमः

६९-ऊँ पशुपति नमः

७०-ऊँ संगमेश्वर नमः

७१-ऊँ दक्षेश्वर नमः

७२-ऊँ घ्रेनश्वर नमः

७३-ऊँ मणिमहेश नमः

७४-ऊँ अनादी नमः

७५-ऊँ अमर नमः

७६-ऊँ आशुतोष महाराज नमः

७७-ऊँ विलवकेश्वर नमः

७८-ऊँ अचलेश्वर नमः

७९-ऊँ अभयंकर नमः

८०-ऊँ पातालेश्वर नमः

८१-ऊँ धूधेश्वर नमः

८२-ऊँ सर्पधारी नमः

८३-ऊँ त्रिलोकिनरेश नमः

८४-ऊँ हठ योगी नमः

८५-ऊँ विश्लेश्वर नमः

८६- ऊँ नागाधिराज नमः

८७- ऊँ सर्वेश्वर नमः

८८-ऊँ उमाकांत नमः

८९-ऊँ बाबा चंद्रेश्वर नमः

९०-ऊँ त्रिकालदर्शी नमः

९१-ऊँ त्रिलोकी स्वामी नमः

९२-ऊँ महादेव नमः

९३-ऊँ गढ़शंकर नमः

९४-ऊँ मुक्तेश्वर नमः

९५-ऊँ नटेषर नमः

९६-ऊँ गिरजापति नमः

९७- ऊँ भद्रेश्वर नमः

९८-ऊँ त्रिपुनाशक नमः

९९-ऊँ निर्जेश्वर नमः

१०० -ऊँ किरातेश्वर नमः

१०१-ऊँ जागेश्वर नमः

१०२-ऊँ अबधूतपति नमः

१०३ -ऊँ भीलपति नमः

१०४-ऊँ जितनाथ नमः

१०५-ऊँ वृषेश्वर नमः

१०६-ऊँ भूतेश्वर नमः

१०७-ऊँ बैजूनाथ नमः

१०८-ऊँ नागेश्वर नमः


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