शनि त्रयोदशी पर राशि अनुसार करें इन मंत्रों का जाप, हर मनोकामना होगी पूरी
नई दिल्ली : सनातन पंचांग के अनुसार, 06 अप्रैल को प्रदोष व्रत है। यह पर्व हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है। शनिवार के दिन पड़ने के चलते यह शनि प्रदोष व्रत कहलाएगा। इस दिन देवों के देव महादेव और न्याय के देवता शनि देव की पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि शनि त्रयोदशी प्रदोष व्रत करने से नवविवाहित दंपति को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। वहीं, साधकों को जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से भगवान शिव संग शनि देव की पूजा करते हैं। अगर आप भी शनि देव की कृपा पाना चाहते हैं, तो शनि प्रदोष व्रत पर विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय राशि अनुसार इन मंत्रों का जप करें।
राशि अनुसार मंत्र जप
मेष राशि के जातक शनि त्रयोदशी पर 'ऊँ शनैश्चराय नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
वृषभ राशि के जातक शनि त्रयोदशी पर 'ऊँ वरेण्याय नमः' मंत्र का जप करें।
मिथुन राशि के जातक शनि त्रयोदशी पर 'ऊँ शरण्याय नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
कर्क राशि के जातक शनि त्रयोदशी पर 'ऊँ सर्वेशाय नमः' मंत्र का जप करें।
सिंह राशि के जातक शनि त्रयोदशी पर 'ऊँ सौम्याय नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
कन्या राशि के जातक शनि त्रयोदशी पर 'ऊँ सुन्दराय नमः मंत्र का एक माला जप करें।
तुला राशि के जातक शनि त्रयोदशी पर 'ऊँ घनाय नमः' मंत्र का जप करें।
वृश्चिक राशि के जातक शनि त्रयोदशी पर 'ऊँ महेशाय नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
धनु राशि के जातक शनि त्रयोदशी पर 'ऊँ शर्वाय नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
मकर राशि के जातक शनि त्रयोदशी पर 'ऊँ निश्चलाय नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
कुंभ राशि के जातक शनि त्रयोदशी पर 'ऊँ वैराग्यदाय नमः' मंत्र का जाप एक माला जप करें।
मीन राशि के जातक शनि त्रयोदशी पर 'ऊँ वीतरोगभयाय नमः' मंत्र का पांच माला जप करें।
एम से 05:07 पी एम तक रहेगा.