पापमोचिनी एकादशी पर करें इन महामंत्रों का जाप, जानें मुहूर्त

Update: 2024-03-28 12:38 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ती है यह तिथि भगवान विष्णु की साधना आराधना को समर्पित होती है इस दिन पूजा पाठ और व्रत का विधान होता है मान्यता है कि एकादशी पर विष्णु पूजा करने से प्रभु की कृपा मिलती है।
 पंचांग के अनुसार हर साल पापमोचनी एकादशी का व्रत चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है इस साल पापमोचिनी एकादशी का व्रत 5 अप्रैल को पड़ रहा है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पापमोचनी एकादशी व्रत से जुड़ी अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 एकादशी की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि का आरंभ 4 अप्रैल दिन गुरुवार को शाम 4 बजकर 16 मिनट पर हो रहा है और समापन 5 अप्रैल को दोपहर 1 बजे हो जाएगा। ऐसे में पापमोचनी एकादशी का व्रत 5 अप्रैल दिन शुक्रवार को करना उत्तम रहेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है साथ ही उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है एकादशी तिथि पर गरीबों को भोजन कराने से पापों का अंत हो जाता है साथ ही मनुष्य को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। एकादशी तिथि पर कुछ मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होकर सुख समृद्धि प्रदान करते हैं।
 एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप—
“ओम नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्”
“ओम भूरिदा भूरि देहिनो
मा दभ्रं भूर्या भर भूरि घेदिन्द्र दित्ससि”
“ओम भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्
आ नो भजस्व राधसि”
“ओम ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते”
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