Chanakya Niti: इन जगहों पर कभी नहीं करनी चाहिए शर्म

Update: 2024-09-20 06:22 GMT
Chanakya Niti: चाणक्य के मुताबिक 4 जगहें ऐसी हैं जहां पर इंसान को कभी भी नहीं झिझकना चाहिए नहीं तो भविष्य में भी इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है. इंसान का एक व्यक्तित्व होता है और वो उस हिसाब से ही जीवन जीता है. अपने जीवन के हर छोटे से बड़े फैसले इंसान खुद लेता है. वो क्या खाएगा, क्या पहनेगा और कैसे रहेगा. इंसान को जीवन में कभी भी झिझकना नहीं चाहिए|
पैसों के मामले में कभी शर्म नहीं करनी चाहिए One should never be ashamed in matters of money
इंसान को पैसों के मामले में भी कभी शर्म नहीं करनी चाहिए. पैसा एक ऐसी चीज है जो इंसान को हमेशा काम आता है. अगर आपसे किसी ने पैसे उधार में लिए हैं और काफी समय तक आपने वापिस नहीं मांगा तो इसका भी नुकसान लोगों को भुगतना पड़ता है. आपकी इस झिझक का सामने वाला फायदा भी उठा सकता है|
खाने में शर्म नहीं करनी चाहिए One should not be ashamed of eating
खाना तो जीवन में सबसे जरूरी है और खाने के मामले में परहेज करना खुद को धोखे में रखने जैसा है. दरअसल भूखे इंसान का खुद पर नियंत्रण कम होता है और ऐसे लोग जीवन में पीछे रह जाते हैं. भूखे लोगों में सोचने-समझने की क्षमता भी पहले की तरह नहीं रह जाती है. इसलिए इंसान को खाने के मामले में कोई समझौता नहीं करना चाहिए और खुद की भूख को नहीं मारना चाहिए. भरपेट भोजन करना जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी है|
अपनी बात रखने में शर्म नहीं करनी चाहिए One should not be ashamed to express his opinion
जीवन में शर्म के मारे कई दफा इंसान वो बातें नहीं बोल पाता है जो उसे बोलनी चाहिए. इसलिए इंसान को अपने जीवन में हमेशा जो भी मन की बात है उसे किसी ना किसी को जरूर बतानी चाहिए. सही वक्त पर सही शख्स से सही बोलना आना भी जरूरी है. ये आपकी पर्सनालिटी को दिखाता है साथ ही ये आपको जीवन में तरक्की भी देता है. जो इंसान अपनी बातें अपने मन में ही रख जाते हैं उन्हें बाद में पछताना पड़ता है और दूसरे लोग उनसे आगे निकल जाते हैं|
शिक्षा प्राप्त करने में शर्म नहीं करनी चाहिए One should not be ashamed of getting education
शिक्षा प्राप्त करना जीवन में बहुत जरूरी है. शिक्षा चाहें कहीं से भी मिल रही हो उसे लेने में किसी तरह की शर्म नहीं करनी चाहिए. हर इंसान में कुछ ना कुछ हुनर होता है. ऐसे में अगर आप ये सोच लें कि सामने वाला आपसे उम्र में छोटा है तो ऐसे में आप शिक्षा का मौका गंवा देंगे. इसे चाणक्य समझदारी की बात नहीं मानते हैं. शिक्षा कहीं से भी मिले, कोई इंसान, या जानवर या कोई वस्तु ही क्यों ना हो, शिक्षा हमेशा ग्रहण करनी चाहिए और उससे चूकना नहीं चाहिए. विकास के लिए हर ओर से ज्ञान प्राप्ति के विकल्पों का खुला रहना जरूरी है|
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