Chanakya Niti : किसी भी चीज की अति हमेशा नुकसान पहुंचाती है, जानिए चाणक्य नीति की 5 अहम बातें
चाणक्य नीति कहती है कि जीवन में कोई भी चीज हद से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. अति हर व्यक्ति को नुकसान ही पहुंचाती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।
चाणक्य नीति कहती है कि जीवन में कोई भी चीज हद से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. अति हर व्यक्ति को नुकसान ही पहुंचाती है. अत्याधिक सुंदरता के कारण सीताहरण हुआ, अत्यंत घमंड के कारण रावण का अंत हुआ, अत्यधिक दान देने के कारण राजा बाली को बंधन में बंधना पड़ा. इसलिए कभी भी किसी भी चीज की अति न कीजिए.
यदि आप किसी से प्रेम करते हैं, तो प्रेम में कभी दिखावे की जगह नहीं होनी चाहिए. न ही प्रेम को कभी बांधने का प्रयास करना चाहिए. प्रेम हमेशा स्वाभाविक होना चाहिए और प्रेम को पूरी आजादी देनी चाहिए. प्रेम में दिखावे को स्थान देंगे या उसे बंधन में बांधने का प्रयास करेंगे, तो निश्चित रूप से एक दिन संबन्धों में दरार आनी शुरू हो जाएगी.
कुछ मामलों में कभी सीमा तय नहीं करनी चाहिए. जैसे एक व्यापारी को कभी सीमा में रहकर व्यापार करने की बात नहीं सोचनी चाहिए. जब भी जहां से मौका मिले, उसे व्यापार को आगे बढ़ाना चाहिए, तभी वो लाभ प्राप्त कर सकता है. ठीक वैसे ही जैसे एक विद्वान कभी सीमा के बंधन में नहीं बंधता, वो हर जिज्ञासु को ज्ञान देने के लिए आतुर रहता है.
चाणक्य नीति कहती है, कि जो सम्मान आप चाहते हैं, वही हर कोई चाहता है. यदि अपने दांपत्य जीवन को सुखमय बनाना चाहते हैं तो याद रखिए कि आपके जीवनसाथी को भी आप ही की तरह सम्मान पाने का हक है. जो लोग अपने जीवनसाथी को कम महत्व देते हैं, उनके रिश्ते अक्सर कमजोर पड़ जाते हैं.