चाणक्य नीति : जो लोग नहीं रखते हैं महिलाओं के मामले में इन बातों का खयाल, उसका भुगतान पूरे समाज को झेलना पड़ता है

महिलाओं के लेकर आचार्य चाणक्य का कहना है कि महिलाओं का स्थान हमेशा से सर्वोपरि रहा है.

Update: 2022-07-16 06:40 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महिलाओं के लेकर आचार्य चाणक्य का कहना है कि महिलाओं का स्थान हमेशा से सर्वोपरि रहा है. देवता भी उन्हें सम्माननीय मानकर पूजते आए हैं. इसलिए समाज में उनकी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. महिलाएं बेहतर समाज के निर्माण में अहम् भूमिका निभाती हैं.

आचार्य का मानना था कि पुरुषों की तरह महिलाओं की भी शिक्षा पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए. शिक्षित और योग्य महिलाओं के कुल के दीपक भी बड़ा नाम कमाते हैं और परिवार का नाम रोशन करते हैं. अगर आप अपने परिवार की तरक्की चाहते हैं, तो महिलाओं को शिक्षित जरूर करें.
आचार्य का कहना था कि शास्त्रों में महिलाओं को लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. इसलिए उनका हमेशा सम्मान करना चाहिए. जिस परिवार में महिलाएं खुश नहीं होती हैं, उनके घर में कभी बरकत नहीं आती है. उन्हें हमेशा आदर-सम्‍मान दें.
महिला को अगर शिक्षित किया है, उसकी शिक्षा का पूरा उपयोग होने दें. अगर आपने उनकी शिक्षा का उपयोग नहीं होने दिया तो उनकी शिक्षा व्यर्थ चली जाती है. इसके लिए घर और समाज में उनके टैलेंट को सामने आने दें. इससे बेहतर समाज का निर्माण होता है.
आचार्य का कहना था कि जीवन का कोई भी लक्ष्य सिर्फ महिलाओं के सहयोग से ही पूरा हो सकता है. वे आधी आबादी का हिस्सा हैं. इसलिए उन्हें नजरअंदाज करके ये पूरा समाज कभी तरक्की नहीं कर सकता. जहां महिलाओं को नजरअंदाज किया जाता है, वहां पूरे परिवार को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है.
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