चाणक्य नीति : इंसान को ये गलतियां कर देती हैं पूरी तरह से बर्बाद, जानें क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य
आज भी लोग चाणक्य नीति में लिखी बातों को पढ़ना पसंद करते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज भी लोग चाणक्य नीति में लिखी बातों को पढ़ना पसंद करते हैं. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में अपने जीवन के अनुभवों को श्र्लोक के रूप में लिखा है. कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति इस किताब में लिखी बातों का अनुसरण कर लें तो उस जीवन में एक नया मार्ग मिल जाता है. आचार्य चाणक्य महान राजनीतिज्ञ, कूटनीतिकार और विद्वान थे. उनका जीवन त्याग, दृढ़ता, साहस और पुरुषार्थ का प्रतीक है. उन्होंने अपनी रणनीति से साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य को सम्रार्ट बना दिया था.
चाणक्य नीति में दी अच्छे, बुरे, मित्रता, व्यक्ति के आचरण समेत अनेक पहुलओं का जिक्र किया है. आचार्य चाणक्य के अनुसार मनुष्य की बुरी आदतें उसके जीवन को तबाह कर देती हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में.
1. आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर कोई व्यक्ति छल कपट के साथ धन कमाता है तो ज्यादा दिन तक नहीं टिकता है. ऐसे लोग परेशानी में घिर जाते हैं जिसकी वजह से उनका पैसा बर्बाद हो जाता है.
2. हमने अक्सर अपने घर के बड़ों से सुना है ज्यादा देर तक नहीं सोना चाहिए. चाणक्य के अनुसार जो लोग सुबह से शाम तक सोते हैं उनके ऊपर कभी भी मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है. शास्त्रों में भी कहा गया है सुबह को देर तक सोने से घर में दरिद्रता आती है.
3. आचार्य चाणक्य कहते हैं किसी भी व्यक्ति को अपनी आवश्यकता से अधिक नहीं खाना चाहिए. इससे दरिद्रता आती है. इसके अलावा आपकी सेहत को भी नुकसान पहुंचता है. इसलिए व्यक्ति को अधिक खाने से बचना चाहिए.
4. व्यक्ति को अपनी वाणी पर संयम और मधुरता रखनी चाहिए. जिन लोगों की वाणी में मधुरता नहीं होती है उनके पास कभी भी लक्ष्मी का वास नहीं होता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं जो लोग दूसरों के मन को ठेस पहुंचाते हैं उनसे लक्ष्मी रूठ जाती हैं. ऐसे लोग गरीब हो जाते हैं.
5.आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपने दांतों की साफ- सफाई नहीं करते हैं उनके पास कभी लक्ष्मी जी का वास नहीं होता है. चाणक्य नीति के मुताबिक ऐसे लोगों से माता लक्ष्मी रूष्ट हो जाती हैं जिसकी वजह से व्यक्ति दरिद्र हो जाता है. इसके अलावा जो लोग साफ- सफाई नहीं रखते हैं और गंदे वस्त्र पहनते हैं. ऐसे लोगों पर माता लक्ष्मी की कृपा नहीं बरसती है. इन लोगों को समाज में भी मान सम्मान नहीं मिलता है.