Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य की ये 5 सीख विषम परिस्थितियों में आपके बेहद काम आएंगी
व्यक्ति को बुरे समय में भी अपना धैर्य और आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।
व्यक्ति को बुरे समय में भी अपना धैर्य और आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए. विषम परिस्थितियों में ये दो गुण ही आपके सच्चे मित्र साबित होते हैं और आपको किसी भी हालात से बाहर निकालने में मदद करते हैं.
कहा जाता है पहला सुख निरोगी काया. आचार्य का भी यही मानना था. आचार्य चाणक्य कहते थे अपने शरीर का सबसे ज्यादा खयाल रखो, इसी की बदौलत आप कोई भी काम करने में सक्षम होते हैं. यदि यही किसी काम का नहीं रहेगा, तो आप जीवन में कुछ भी नहीं कर पाएंगे. इसलिए सेहत का खयाल रखें और शारीरिक और मानसिक, दोनों रूप में सेहतमंद रहें.
जीवन में कभी भी अपने गहरे राज किसी के सामने प्रकट न करें क्योंकि आप नहीं जानते कि आज जो आपका मित्र है, कल उससे आपकी मित्रता रहेगी भी या नहीं. यदि ऐसे व्यक्ति से आपकी शत्रुता हो गई तो वो समाज में आपकी प्रतिष्ठा गिराने का हर संभव प्रयास करेगा.
दुष्ट व्यक्ति की प्रवृत्ति ही धूर्त होती है, इसलिए ऐसे लोगों पर विश्वास करने की गलती न करें. ये अगर किसी की सेवा भी करते हैं तो उसमें भी इनका स्वार्थ ही निहित होता है. ये कभी किसी के सगे नहीं हो सकते.
आपने जो भी लक्ष्य निर्धारित किया है, उसका जिक्र कभी किसी से न करें. लक्ष्य को मन में रखकर पूरी निष्ठा और लगन से परिश्रम करें. उसकी जानकारी हासिल करें, लेकिन अपना मंतव्य जाहिर न करें. आपकी कामयाबी खुद लोगों को आपके लक्ष्य की जानकारी दे देगी. लेकिन अगर आपने इसे किसी से शेयर कर दिया, तो हो सकता है कि वो आपके काम में विघ्न पैदा कर दे, या आपकी असफलता पर आपका उपहास उड़ाए.