Chanakya Niti : ये 3 चीजें इंसान की सच्ची दोस्त हैं, आखिरी सांस तक साथ देती हैं…
जीवनभर आचार्य ने अपने अनुभवों से जन कल्याण किया और लोगों को सही राह दिखाई. अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में भी उन्होंने ऐसी तमाम बातें कही हैं, जो लोगों के जीवन को संवार कर उन्हें तमाम मुसीबतों से बचा सकती हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य एक महान राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री थे. आचार्य ने अपने जीवन में बहुत कठिन समय देखा और हर परिस्थिति से सीख ली. यही वजह है कि आचार्य को किताबी ज्ञान के साथ साथ व्यवहारिक जीवन का भी खासा अनुभव था. जीवनभर आचार्य ने अपने अनुभवों से जन कल्याण किया और लोगों को सही राह दिखाई. अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में भी उन्होंने ऐसी तमाम बातें कही हैं, जो लोगों के जीवन को संवार कर उन्हें तमाम मुसीबतों से बचा सकती हैं और उनके जीवन को आसान बना सकती हैं.
आचार्य की बातें पढ़ने और सुनने में कठोर जरूर लगती हैं, लेकिन वो जीवन की वास्तविकता को दर्शाती हैं. यदि आचार्य की बातों को व्यक्ति अपने जीवन में उतार ले, तो तमाम समस्याओं से आसानी से निपट सकता है. आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति के अनुसार तीन चीजें इंसान की सच्ची साथी हैं, जो आखिरी सांस तक उसका साथ निभाती हैं.
1. आचार्य चाणक्य के अनुसार, ज्ञान व्यक्ति का सच्चा साथी है. व्यक्ति अगर घर से दूर हो तो ज्ञान ही उसे विषम परिस्थितियों से निकलने की राह दिखलाता है. इसके अलावा ज्ञान कभी व्यक्ति को उसके मार्ग से भटकने नहीं देता. अंतिम समय में जब व्यक्ति के साथ कोई न हो, तो भी उसका ज्ञान उसे नहीं छोड़ता. इसलिए जीवन में जितना संभव हो, उतना ज्ञान अर्जित करते रहना चाहिए.
2. इंसान की दूसरी सच्ची मित्र है औषधि. जब व्यक्ति बिस्तर पर मरणासन्न पड़ा हो, तब कोई भी उस व्यक्ति की मदद नहीं कर पाता. लेकिन औषधि उसे फिर से ठीक करती है. वो उसे बड़े से बड़े रोग से निकालने की दम रखती है. इसलिए व्यक्ति को कभी दवा लेने में लापरवाही नहीं करना चाहिए.
3. तीसरा सच्चा साथी धर्म होता है. धर्म व्यक्ति को सही और गलत में फर्क करना सिखाता है. धर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति हमेशा अच्छे कर्म करना है और संसार से जाने के बाद भी सम्मानपूर्वक याद किया जाता है. इसलिए धर्म को आचार्य ने व्यक्ति का तीसरा सच्चा मित्र कहा है.