Chanakya Niti : कुछ लोग भरोसा करने लायक नहीं होते, इनसे दूर रहने में ही आपकी भलाई
आज की युवा पीढ़ी के लिए आचार्य चाणक्य किसी मैनेजमेंट गुरू से कम नहीं. अगर उनकी नीतियों को अपने जीवन में उतारा जाए तो तमाम मुश्किलों को समय से पहले ही रोका जा सकता है और संकट के समय का मुकाबला बहादुरी से किया जा सकता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य प्रकांड विद्वान होने के साथ तमाम विषयों के ज्ञाता थे. लेकिन आज की युवा पीढ़ी के लिए वो किसी मैनेजमेंट गुरू से कम नहीं. जीवन के तमाम उतार-चढ़ाव और चुनौतियों को सफलता पूर्वक पार करना है तो आपको आचार्य चाणक्य की नीतियों को जरूर पढ़ना चाहिए. आचार्य की नीतियां आज भी लोगों का मार्गदर्शन करती हैं और उन्हें कठिन समय में सही निर्णय लेने की प्रेरणा देती हैं. आचार्य चाणक्य की बातों को यदि जीवन में उतार लिया जाए तो तमाम मुश्किलों को आने से पहले ही रोका जा सकता है. यहां जानिए कुछ ऐसे लोगोंं के बारे में जिन पर आचार्य ने कभी भरोसा न करने की सलाह दी है.
परोक्षे कार्यहन्तारं प्रत्यक्ष प्रियवादिनम्
वर्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुंभम् पयोमुखम्
इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य का कहना है कि जो लोग बहुत मीठा बोलते हैं और पीठ पीछे आपकी बुराई करते हैं, ऐसे लोगों पर कभी भी भरोसा करने की गलती मत कीजिएगा. ऐसे लोग उस घड़े के समान होते हैं, जिनके मुख पर दूध दिखाई देता है, लेकिन अंदर विष भरा होता है. ऐसे लोग हमारे भेद जानकर हमारे लिए मुश्किल खड़ी करने का काम करते हैं. इसलिए जितनी जल्दी संभव हो, इनसे पीछा छुड़ा लेना चाहिए वर्ना आपके जीवन की मुश्किलें कभी कम नहीं होंगी.
न विश्वसेत् कुमित्रे च मित्रे चाऽपि न विश्वसेत्
कदाचित् कुपितं मित्रं सर्वं गुह्यं प्रकाशयेत्
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिन मित्रों का स्वभाव बुरा हो, उन पर कभी भरोसा न करें. लेकिन जो आपके बहुत अच्छे मित्र हों उन पर भी इतना भरोसा न करें कि आप अपना सारा राज उन्हें बता दें. ध्यान रखें कि यदि किसी दिन आपका मित्र आपसे किसी बात पर चिढ़ गया तो वो आपका सारा राज उजागर कर सकता है और आपके मान सम्मान को मिट्टी में मिला सकता है.