Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य की ये बातें याद रखें, बुरे समय में किसी भी परेशानी का मिल सकता है समाधान
आचार्य चाणक्य को राजनीति और अर्थशास्त्र समेत तमाम विषयों का ज्ञाता कहा जाता है. आचार्य के बुद्धिकौशल के तमाम प्रमाण इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं. आचार्य की नीतियों का पालन करके आज भी आप अपने जीवन को सरल और सुगम बना सकते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य को राजनीति और अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है. इसके अलावा भी आचार्य तमाम विषयों के ज्ञाता थे. आचार्य के बुद्धिकौशल और उनकी सूझबूझ के तमाम प्रमाण आपको इतिहास के पन्नों में मिल जाएंगे. ये आचार्य की कुशल रणनीति और सूझबूझ का ही नतीजा था कि उन्होंने नंद वंश का पूरी तरह अंत करके एक साधारण बालक को राजगद्दी पर बैठा दिया.
चंद्रगुप्त मौर्य आचार्य चाणक्य के मार्गदर्शन में ही कुशल शासक बने. आचार्य ने अपने पूरे जीवन में लोगों के भले के लिए ही काम किया और लोगों को धर्म का मार्ग दिखलाया. आचार्य की नीतियों का पालन करके आज भी आप अपने जीवन को सरल और सुगम बना सकते हैं. यहां जानिए उन 5 संकेतों के बारे में, जो आपको परिवार पर आने वाले आर्थिक संकट का इशारा देते हैं. इन संकेतों का जिक्र आचार्य ने चाणक्य नीति में किया है.
1. तुलसी के पौधे का सूखना
सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को पूज्यनीय बताया गया है और हर घर में इसे लगाने की बात कही गई है. आचार्य का कहना था कि घर में यदि तुलसी का पौधा है तो उसका खासतौर पर खयाल रखें. वो सूखना नहीं चाहिए. तुलसी के पौधे का सूखना आर्थिक संकट का संकेत हो सकता है.
2. शीशे का बार बार टूटना
कांच का टूटना अपशकुन माना जाता है. आचार्य चाणक्य का भी मानना था कि घर में बार बार कांच का टूटना शुभ संकेत नहीं होता है. इससे घर में आर्थिक हालात खराब होते हैं और दरिद्रता निवास करने लगती है.
3. बड़े बुजुर्गों का अपमान
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस घर में बड़े बुजुर्गों का सम्मान नहीं किया जाता, उस घर में कभी सुख समृद्धि नहीं हो सकती. बड़े बुजुर्ग हमारे सम्मानीय होने के साथ जरूरतमंद भी होते हैं. ऐसे में उनका तिरस्कार करने से उनकी बद्दुआ लगती है और आपके जीवन में समस्याएं आती रहती हैं. इसलिए अगर घर में संपन्नता चाहते हैं तो बुजुर्गों का सम्मान करें.
4. झगड़े होना
अगर आपके परिवार में आए दिन झगड़े होते रहते हैं, तो ये शुभ संकेत नहीं है. जहां क्लेश होता है, वहां कभी लक्ष्मी वास नहीं करतीं. ऐसे में घर के लोगों को मेहनत के बावजूद असफलता का स्वाद चखना पड़ता है और तमाम आर्थिक संकट बर्दाश्त करने पड़ते हैं. इसलिए घर में हमेशा प्रेमपूर्वक माहौल बनाकर रखें.
5. पूजा पाठ करना
आचार्य चाणक्य का मानना था कि पूजा पाठ करने से घर में शुद्धिकरण होता है. ऐसे घर पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और सकारात्मकता आती है. लेकिन जिस घर में पूजा पाठ नहीं होता, उसके परिवार में नकारात्मकता वास करती है. परिवार के लोगों के बीच मन मुटाव होते हैं और आर्थिक संकट गहरा जाता है. इसलिए अपने घर के माहौल को भक्तिमय बनाकर रखें.