Chanakya Niti: ऐसे लोगों का छोड़ें साथ, ना आने दें पास, वरना हो जाएंगे बर्बाद

बढ़े बुढ़े लोग कहते है कि इंसान को हमेशा अच्छे लोगों की संगत करानी चाहिए और बुरे लोगों से बचकर रहना चाहिए।

Update: 2020-12-19 16:35 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बढ़े बुढ़े लोग कहते है कि इंसान को हमेशा अच्छे लोगों की संगत करानी चाहिए और बुरे लोगों से बचकर रहना चाहिए। बुरे लोगों की संगत आपको हमेशा परेशानियों में डालेगी और कभी भी सफल नहीं होने देंगी। कुशल समाजशास्त्री व अर्थशास्त्री चाणक्य ने अपनी किताब चाणक्य नीति में कई ऐसी बातों का जिक्र किया है जिसका महत्व वर्तमान समय में भी कम नहीं हुआ है। आचार्य चाणक्य अपने नीति ग्रंथ (चाणक्य नीति) में भी ऐसे लोगों के बारे में उल्लेख किया गया है। चाणक्य नीति के अनुसार, ऐसे लोग आपकी कभी परवाह नहीं करेंगे और आपके आस-पास रहकर, आपको तबाह कर देते है।



कहा जाता है कि मूर्ख मित्र से बुद्धिमान शत्रु अच्छा होता है। चाणक्य भी कहते हैं कि मूर्ख व्यक्ति का साथ नहीं रखना चाहिए। क्योंकि जिसमें बुद्धि नहीं होती वो पशु के समान होता है। ऐसे साथ ही हमेशा संकट खड़ा करने में माहिर होते हैं। इसलिए इनसे बचना चाहिए।

जो इंसान दुष्ट स्वभाव को हो या फिर अकारण ही लोगों को नुकसान पहुंचाता हो, उनसे दूर रहने में ही भलाई है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक ऐसे लोगों से दोस्ती व्यक्ति को भारी पड़ सकती है।

आचार्य चाणक्य के मुताबिक दुर्जन व्यक्ति की संगत आपके जीवन को तबाह कर सकती है। चाणक्य इन्हें सांप से भी ज्यादा खतरनाक बताते हैं। वो कहते हैं कि सांप मरने के बाद काटता है लेकिन ऐसे लोग मौके की तलाश में होते हैं और मौका देखते ही आप पर हमला बोलते है। इसलिए ऐसे लोगों का साथ नहीं रखना चाहिए।

चाणक्य कहते हैं कि लालची व्यक्ति का साथ नहीं रखना चाहिए। ऐसा व्यक्ति अपने सुख के लिए आपको किसी भी बड़ी से बड़ी परेशानी में डाल सकता है। इसलिए चाणक्य कहते हैं कि दोस्त हमेशा अपने समान और संतुष्ट व्यक्ति को ही बनाना चाहिए।
खुद को परम ज्ञानी समझने वाले व्यक्ति से दूर रहना चाहिए। ऐसा व्यक्ति अहंकार में चूर होता है और खुद को सर्वोपरि दिखाने के लिए आपको किसी भी मुसीबत में डाल सकता है। चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति में अहंकार न हो, उसे ही अपना मित्र बनाना चाहिए।


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