Chanakya Niti: जानिए वह व्यक्ति कभी सम्मान नहीं हासिल कर सकता जो अपनाता है यह गलत आचरण

जो लोग सफल होने के लिए अनुचित तरीकों का प्रयोग करते हैं वे कुछ समय के लिए तो प्रशंसा प्राप्त कर सकते हैं

Update: 2020-11-23 11:24 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चाणक्य योग्य शिक्षक होने के साथ साथ एक कुशल अर्थशास्त्री भी थे. इसके अतिरिक्त चाणक्य को विभिन्न विषयों की गहरी जानकारी थी. यही वजह थी कि चाणक्य के पास हर उस समस्या का हल था जिससे आज का मनुष्य नित्य दो-चार होता रहता है.


चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को स्वयं को आचरण को लेकर गंभीर रहना चाहिए. क्योंकि व्यक्ति का आचरण ही उसे महान बनाता है. जिस व्यक्ति का आचरण अच्छा नहीं होता है वह कभी प्रशंसा का पात्र नहीं बनता है. ऐसे लोगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है. इसलिए व्यक्ति को अपने आचरण को सुंदर और योग्य बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए.


चाणक्य के अनुसार वह व्यक्ति समाज में कभी भी सम्मान नहीं पाता है जो गलत आचरण को अपनाता है. गलत ढंग से प्राप्त की गई सफलता स्थाई नहीं होती है. जो लोग सफल होने के लिए अनुचित तरीकों का प्रयोग करते हैं वे कुछ समय के लिए तो प्रशंसा प्राप्त कर सकते हैं लेकिन जब उनकी असलियत का पता समाज को चलता है तो उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता है. इसलिए चाणक्य की इन बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए.


सफल होने के लिए झूठ का सहारा न लें

चाणक्य के अनुसार जो लोग थोडे़ से लाभ और सफल होने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं उन्हें आगे चलकर अपयश प्राप्त होता है. क्योंकि झूठ का एक न एक दिन पता सभी को चल ही जाता है. जब लोगों को सच्चाई का पता चलता है तो झूठ बोलकर सफलता पाने वालों को बहुत शर्मिंदा होना पड़ता है. समाज में ऐसे लोगों को अच्छा नहीं माना जाता है और व्यक्ति अपनी विश्वसनियता को खो देता है.


किसी को धोखा नहीं देना चाहिए

चाणक्य के अनुसार धोखा देने वाला व्यक्ति समाज में अच्छी नजरों से नहीं देखा जाता है. जो लोग अपने स्वार्थ के लिए मित्रों या रिश्तेदारों को धोखा देते हैं वे अपयश प्राप्त करते हैं. जो व्यक्ति मदद करे और आपको आगे बढ़ाने में मदद करे उसे कभी धोखा नहीं देना चाहिए. ऐसे लोग जब बुरे दौर से गुजरते हैं तो कोई भी मदद नहीं करता है.


क्रोध से बचें

चाणक्य के अनुसार क्रोध व्यक्ति की सफलता में सबसे बड़ा बाधा है. जो लोग क्रोध करते हैं और दूसरों का अपमान करने में अपनी शान समझते हैं उन्हें अच्छी नजरों से नहीं देखा जाता है. क्रोध में व्यक्ति स्वयं का ही नुकसान करता है. क्रोध करने वाले व्यक्ति से हर कोई दूरी बनाकर चलता है.


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