Chanakya Niti: जानिए चाणक्य के अनुसार, वह चार विशेष चीज़ों जो मनुष्य का जीवन भर देती हैं साथ

अगर इन नीतियों को वाकई अमल में लाया जाए तो जीवन को सफल बनाया जा सकता है

Update: 2020-11-15 15:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चाणक्य की किताब (Chanakya Book in Hindi) चाणक्य नीति में जीवन को सफल बनाने के कई सूत्र बताए गए हैं. जो मनुष्य को बिना किसी उलझन के भव सागर से पार तारने में सक्षम हैं. अगर इन नीतियों को वाकई अमल में लाया जाए तो जीवन को सफल बनाया जा सकता है. इस कौटिल्य शास्त्र में चाणक्य (Chanakya) ने ऐसी कुछ चीज़ों का जिक्र भी किया है जो मनुष्य का साथ जीवन भर निभाती हैं.


अक्सर हम यही सोचते हैं कि रिश्ते नाते, हमारे संबंधी, पैसा ही एक ऐसी चीज़ है जो अंत तक हमारे साथ बना रहता है. या फिर भौतिक वस्तुओं को हम अपना सबसे करीब समझते हैं लेकिन चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के मुताबिक ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. चाणक्य ने एक श्लोक कहा है -


विद्या मित्रं प्रवासेषु भार्या मित्र गृहेषु च।

व्याधितस्यौषधं मित्र धर्मो मित्रं मृतस्य।।


इस श्लोक में चाणक्य ने उन्हीं चार विशेष चीज़ों के बारे में बताया है जो मनुष्य का साथ जीवन भर निभाती हैं. इसके मुताबिक - वो पहली वस्तु है ज्ञान, चाणक्य कहते हैं मनुष्य का ज्ञान से बड़ा साथी और कोई नहीं. ज्ञान मनुष्य के साथ आता है और मनुष्य के साथ ही जाता है. खासतौर से वो व्यक्ति जो घर से दूर, अपनों से दूर रहता हो, लिए ज्ञान से बड़ा कोई मित्र नहीं होता है. जो व्यक्ति अपनों से दूर रहता है उसके लिए ज्ञान ही अंतिम समय तक उसकी मदद करता है.


दूसरा है पत्नी, पति के लिए पत्नी उसकी घनिष्ठ मित्र होती है जो आखिरी समय तक साथ निभाती है. चाहे कैसी भी परिस्थिति क्यों ना हो. पत्नी ही मनुष्य को कठिन समय में संयमित रखती है और उसकी ताकत बनती है.


तीसरी वस्तु है दवा, अगर मनुष्य का स्वास्थ्य खराब है तो उसकी सच्ची दोस्त दवाई ही होती है. क्योंकि वही एक चीज़ है जो उस मनुष्य को ठीक कर सकती है.


चौथी और सबसे अहम है धर्म जो हर मनुष्य के लिए सर्वोपरि है. और आखिर तक व्यक्ति के साथ रहता है. जो व्यक्ति धर्म की डगर पर चलते हुए जैसा कर्म करता है उसे उसी के आधार पर ही पाप व पुण्य मिलता है.

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