Chanakya Niti In Hindi : इन चार चीजों से बढ़कर दुनिया में और कुछ नहीं

आचार्य चाणक्य प्रकांड विद्वान थे. उन्हें राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि तमाम विषयों के ज्ञाता माना जाता है

Update: 2021-08-11 02:15 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।आचार्य चाणक्य प्रकांड विद्वान थे. उन्हें राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि तमाम विषयों के ज्ञाता माना जाता है. आचार्य ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया, लेकिन संघर्ष को खुद पर हावी नहीं होने दिया, बल्कि उसे जीवन की सीख के नजरिए से देखा. आचार्य ने अपने अनुभवों के निचोड़ को चाणक्य नीति में लिखा है और आम जनमानस को जीवन को बेहतर करने के लिए कई नीतियां बताई हैं. आप भी जानिए आचार्य के अनुसार सबसे बड़ा मंत्र, सबसे बड़ी तिथि, सबसे श्रेष्ठ व्यक्ति और सबसे बड़ा दान कौन सा है.

सबसे बड़ा है ये मंत्र : गायत्री माता को ऋग्वेद, यजुर्वेद अथर्वेद और सामवेद की जननी माना जाता है. वेदों की देवी के लिए जिस मंत्र का जाप किया जाता है, वो मंत्र समस्त ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा श्रेष्ठ मंत्र है. हर व्यक्ति को गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए.
ये तिथि है सबसे श्रेष्ठ : आचार्य चाणक्य ने भी एकादशी के व्रत को काफी श्रेष्ठ बताया है, लेकिन वो तिथियों में सबसे श्रेष्ठ द्वादशी तिथि को मानते थे क्योंकि एकादशी का निर्जल व्रत रहकर द्वादशी के दिन भक्त अपने व्रत का पारण करते हैं.
सबसे श्रेष्ठ मां है : आचार्य के मुताबिक संसार के सभी व्यक्तियों का अपना अलग महत्व है. लेकिन उन्होंंने संपूर्ण सृष्टि में सबसे श्रेष्ठ मां को माना है. मां ही एक बच्चे को संसार में लेकर आती है और उसके लिए जीवन में कुछ भी नि:स्वार्थ भाव से करने को तैयार रहती है. इसलिए हर व्यक्ति को मां की सेवा करनी चाहिए क्योंकि मां की सेवा धरती पर स्वर्ग के समान है.
अन्नदान है महादान : आचार्य चाणक्य अन्नदान को महादान मानते थे. आचार्य का मानना था कि यदि आप किसी भूखे व्यक्ति को भोजन करा देते हैं, तो इससे बड़ा कोई और दान नहीं हो सकता. अन्न व्यक्ति को जीने की शक्ति देता है और शक्ति आने पर व्यक्ति सामर्थ्यवान बनता है. इसलिए जरूरतमंदों को अन्न दान जरूर करें.


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