Chanakya Niti: इन गुण वाले पति-पत्नी का कर देना चाहिए त्याग, जानिए क्या कहती है आज की चाणक्य नीति
चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन से जुड़ी कई अहम नीतियां बताई हैं। इन नीतियों में चाणक्य ने नौकरी-पेशा, व्यापार, शादी-विवाह, तरक्की, धन, दोस्ती और दुश्मनी जैसे पहलुओं का जिक्र किया है।
जनता से रिश्ता वेब डेस्क।चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन से जुड़ी कई अहम नीतियां बताई हैं। इन नीतियों में चाणक्य ने नौकरी-पेशा, व्यापार, शादी-विवाह, तरक्की, धन, दोस्ती और दुश्मनी जैसे पहलुओं का जिक्र किया है। चाणक्य की ये नीतियां आज भी प्रचलित हैं और लोग इन्हें अपनाते हैं। एक नीति में चाणक्य बताते हैं कि किस तरह के पति-पत्नी और रिश्तों का त्याग कर देना चाहिए।
जानिए यहां-
1. ऐसे धर्म का त्याग जरूरी- चाणक्य कहते हैं कि जो धर्म दूसरों के लिए दया का भाव न सिखाता हो और जिसके पालन से सौहार्द में कमी आती हो। जिसमें दया के लिए कोई जगह न हो और इसका पालन कष्टदायी हो। ऐसे धर्म का त्याग कर देना चाहिए।
2. ऐसे गुरु का त्याग कर देना चाहिए- चाणक्य कहते हैं कि जिस गुरु की कथनी और करनी में अंतर हो मतलब जो गुरु अपने शिष्यों को शिक्षा देते हों लेकिन उस सीख का पालन नहीं करते हों। ऐसे गुरु का त्याग कर देना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि शिक्षा के अभाव में जीने वाला व्यक्ति कभी अच्छा गुरु नहीं हो सकता है।
3. ऐसी पत्नी का त्याग है जरूरी- चाणक्य कहते हैं ऐसी पत्नी जो हमेशा कटु वचन और क्रोध दिखाती हो। जिसके कारण घर का माहौल अशांत रहता हो। इस तरह का बर्ताव या व्यवहार करने वाली पत्नी को छोड़ देना बेहतर होता है।
4. ऐसे पति का त्याग- चाणक्य कहते हैं कि जिसके व्यवहार में क्रोध ज्यादा शामिल हो और वह चीखता-चिल्लाता हो। जो परिवार के माहौल पर ध्यान नहीं देता हो। बच्चों के पालन-पोषण की चिंता न करने वाले व्यक्ति का त्याग कर देना चाहिए।
5. ऐसे रिश्तों का त्याग जरूरी- चाणक्य कहते हैं कि बहुत सारे ऐसे रिश्तेदार होते हैं जो अपना समय और धन खर्च करते हैं। लेकिन हमें उन रिश्तेदारों में भी अपने शुभ चिंतकों का पता होना जरूरी होता है। विपरीत समय में काम न आने वाले रिश्तों का त्याग करना ही उचित होता है।