चाणक्य नीति : क्लोज फ्रेंड या सोलमेट से भी भूलकर न करें इन बातों की चर्चा

आचार्य चाणक्य का मानना था कि जब हम किसी पर यकीन करते हैं तो आंख मूंदकर करते हैं और उसे कुछ भी बताने में नहीं हिचकते. यही

Update: 2022-07-22 04:23 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य का मानना था कि जब हम किसी पर यकीन करते हैं तो आंख मूंदकर करते हैं और उसे कुछ भी बताने में नहीं हिचकते. यही हमारी सबसे बड़ी भूल होती है. जीवन की हर बात हर किसी को नहीं बताई जा सकती. न ही किसी पर अति का विश्वास करना चाहिए. वरना आपके जीवन में मुश्किलों का आना शुरू हो जाएगा. यहां जानिए कुछ ऐसी बातें जिनकी चर्चा क्लोज फ्रेंड या सोलमेट, किसी से भी नहीं करनी चाहिए.

आचार्य का कहना था कि धन वो चीज है जो बुरे वक्त में भी आपका साथ निभाता है. जब आपके साथ कोई खड़ा नहीं होता, तो धन आपको जीने की उम्मीद देता है. अगर आपने अपने बुरे समय के लिए धन इकट्ठा किया है, तो इसकी चर्चा कभी किसी से न करें. ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है.
हर परिवार में लड़ाई झगड़े होते हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम इन बातों की चर्चा दूसरे लोगों से करें. अपने घर के झगड़ों की बात अपने घनिष्ठ मित्र या पार्टनर को भी नहीं बतानी चाहिए. वरना आगे चलकर आपको इसके नुकसान झेलने पड़ सकते हैं.
अगर किसी ने आपका अपमान ​कर दिया है, तो उस अपमान को स्वयं तक रखें. किसी से भी इस बात का जिक्र न करें. वरना जो शख्स आपको आज सांत्वना दे रहा है, मौका पड़ने पर वो ही आपको अपमानित करेगा. इसलिए इस बात को हमेशा दिल में कैद रखें.
अगर आपके अंदर कोई दुख छिपा है, तो उसकी भी चर्चा किसी से न करें. लोग आपका दुख सुनने के बहाने आपके अंदर की बातों को जानने का प्रयास करते हैं. बाद में इन बातों का मजाक बनाते हैं. इसके अलावा किसी को दुख बताने से आपका दुख कम नहीं हो जाएगा, इसे बाद में भी आपको ही झेलना होगा. तो भला इसकी चर्चा का क्या फायदा.
Tags:    

Similar News

-->