चाणक्य नीति : आखिर किन घरों में मां लक्ष्मी का वास होता है, जाने नहीं होती पैसों की कमी
वर्तमान समय में ख्वाहिश व जरूरत को पूरा करने में धन की जरूरत होती है। धन कमाने के लिए व्यक्ति दिन-रात मेहनत करता है। लेकिन कई बार लाख प्रयासों के बाद भी धन संचय में सफल नहीं हो पाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वर्तमान समय में ख्वाहिश व जरूरत को पूरा करने में धन की जरूरत होती है। धन कमाने के लिए व्यक्ति दिन-रात मेहनत करता है। लेकिन कई बार लाख प्रयासों के बाद भी धन संचय में सफल नहीं हो पाता है। अगर धन संचय कर भी लिया तो कई कारणों के चलते खर्च भी हो जाता है। नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि आखिर किन घरों में मां लक्ष्मी का वास होता है।
चाणक्य नीति के अनुसार, जिन घर के सदस्य आपस में गृहक्लेश करते हैं और अशांति का माहौल बनाकर रखते हैं। ऐसे घरों में मां लक्ष्मी का वास नहीं हता है। मां लक्ष्मी का वास सुख शांति वाले स्थान पर वास करती हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार, जिन घरों में पति-पत्नी के बीच मनमुटाव रहता है, वहां धन संबंधी दिक्कतें रहती हैं। चाणक्य कहते हैं कि जिन घरों में पति-पत्नी की आपस में नहीं बनती है, वहां मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है। चाणक्य कहते हैं कि जिन घरों में महिलाओं का सम्मान नहीं होता है, वहां मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है। पति-पत्नी के बीच मधुर संबंध वाले घर में मां लक्ष्मी का कृपा रहती है।
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चाणक्य नीति के अनुसार, जो व्यक्ति दान-पुण्य के कार्य करता है, उस घर में सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है। जो लोग अपनी कमाई का कुछ हिस्सा दान करते हैं, उन्हें आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है।