Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार सांप से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं ऐसे लोग

Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में दोस्तों के लिए कई अहम बातें की हैं, जिनको अगर हम जीवन में उतारते हैं, तो आप धोखा देने वाले दोस्तों से बच सकते हैं.

Update: 2022-01-18 02:44 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) की नीतियों के बारे में जो भी कहा जाए वो कम है.चाणक्य की कही हुई बातें पत्थर की लकीर की तरह से साबित होती हैं. आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya Niti) एक महान रणनीतिज्ञ थे, आचार्य चाणक्य ने सालों पहले ही आज के समय की हर एक गतिविधि पर अपनी बातें कहीं थीं. शादी शुदा जिंदगी हो या फिर दोस्ती हर एक बारे में चाणक्य ने खुलकर अपनी नीतियों में उल्लेख किया है. यही कारण है कि आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya Gyan) ने अपने नीतियों में मनुष्य के चरित्र के बारे में बखूबी बताया है. उन्होंने अपनी नीतियो में बताया है कि कैसे और किन आदतों से आप आसानी से सफलता पा सकते हैं और इसको विस्तार से समझाया भी है.

आपको बता दें कि आचार्य चाणक्य ने अपने श्लोकों में खास रूप इस बात को भी समझाने की सभी को कोशिश की हैं कि अगर आप अपनी जिंदगी में सफल और सुखी रहना चाहते हैं तो फिर किन लोगों से दोस्ती नहीं कभी करनी चाहिए. ऐसे में आइए जानिए है कि आचार्य चाणक्य ने किस व्यक्ति की तुलना एक सांप से की है-
जानिए आचार्य चाणक्य के द्वारा कहा गया श्लोक
दुर्जनस्य च सर्पस्य वरं सर्पो न दुर्जनः । सर्पो दंशति काले तु दुर्जनस्तु पदे पदे ।।
यानी कि इसका सरल शब्दों में अर्थात है कि आचार्य चाणक्य ने अपने इस खास श्लोक में साफ रूप से कहा है कि एक दुर्जन और एक सांप में यहीं खास अंतर होता है कि सांप किसी भी व्यक्ति को तभी ही डसता है, जब कि उसे अपनी जान का उससे खतरा सा महसूस होता है, लेकिन दुर्जन पग पग यानी कि हर एक रास्ते पर आपको हानि पहुंचाने की कोशिश करेगा. इसलिए हमेशा ही ऐसे लोगों से दूर बनाकर रखना चाहिए. ऐसे लोग भरोसे के काबिल नहीं होते हैं.
आपको बता दें कि हर एक विषय के ज्ञाता आचार्य चाणक्य के अनुसार हमेशा ही हर किसी को अपने जीवन में ऐसे ही मित्रों या दोस्तों का साथ करना चाहिए जो हमेशा आपके साथ सुख और दुख हर एक वक्त में खड़े रह सकें. जबकि अगर आपने गलती से भी किसी एक दुर्जन व्यक्ति से दोस्ती कर ली हैं तो फिर तय है कि वह हर समय किसी न किसी तरह से आपका अहित ही करता रहेगा. इसलिए हमेशा ही हमको सोच-समझ कर ही किसी से भी घनिष्ठ दोस्ती को बढ़ाना चाहिए.






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