Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य के 5 ऐसे मंत्र……जो आपके पूरे व्यक्तित्व को बदल सकते हैं

एक कुशल राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विख्यात हैं. उन्होंने अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में ऐसी तमाम बातों का जिक्र किया है, जो व्यक्ति को जीवन से जुड़ी सीख देने वाली हैं. इनको अपनाने के बाद व्यक्ति आसानी से धोखा नहीं खाएगा.

Update: 2022-02-04 02:47 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।

आचार्य चाणक्य का मानना था कि सिर्फ सुंदरता ही सब कुछ नहीं होती, अगर सुंदरता के साथ आपके पास ज्ञान, विद्या और समझ नहीं है, तो आप उस पलाश के फूल की तरह हैं जो दिखते तो सुंदर हैं, लेकिन उनमें सुगंध नहीं होती. इसलिए व्यक्ति के गुणों से उसकी परख कीजिए.
आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि आपका पुत्र ही आपकी संपत्ति का मालिक है, ये सोच गलत है. विद्वान पुरुष संपत्ति उन हाथों में सौंपते हैं, जो उसे संभालने और सदुपयोग करने का हुनर रखते हैं. इसलिए अपनी संपत्ति केवल पात्र को ही दें.
चाणक्‍य नीति कहती है कि अगर आपने अपने मन को साधना सीख लिया तो इससे बड़ा कोई तप नहीं है. अगर आपने संतोष रखना शुरू कर दिया तो इसके समान कोई सुख नहीं है. अपने लोभ पर आपने कंट्रोल कर लिया तो समझिए आपने बहुत बड़े रोग को काबू कर लिया क्योंकि लालच के समान कोई लोभ नहीं है. इसी तरह दया के समान कोई गुण नहीं है.
आचार्य चाणक्‍य के अनुसार दीपक अंधेरे का भक्षण करता है, इसीलिए काला धुआं बनाता है. ठीक इसी तरह जो अन्न हम खाते हैं, उसी तरह हमारा मन भी बन जाता है. सात्विक, राजसिक, तामसिक भोजन का असर व्यक्ति के विचारों पर भी पड़ता है.
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में कहा है कि अगर आपने शिक्षा प्राप्त की है, तो आपको हर स्थान पर सम्मान प्राप्त होगा. विद्वान व्यक्ति को सही और गलत के बीच का फर्क पता होता है, वो जहां जाता है ज्ञान का प्रसार करता है. इसलिए उसे हर जगह सम्मान मिलता है.


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