चैत्र विनायक चतुर्थी गणेश पूजा संपूर्ण विधि सहित

Update: 2024-04-12 13:25 GMT
ज्योतिष न्यूज़  : सनातन धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन विनायक चतुर्थी खास मानी जाती है जो कि श्री गणेश की साधना आराधना को समर्पित होती है इस दौरान भक्त भगवान श्री गणेश की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु की असीम कृपा प्राप्त होती है।
 पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन गणेश चतुर्थी मनाई जाती है जो कि श्री गणेश की कृपा पाने का श्रेष्ठ दिन माना गया है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने का विधान होता है चैत्र मास की विनायक चतुर्थी आज यानी 12 अप्रैल दिन शुक्रवार को पड़ी है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा भगवान श्री गणेश की पूजा विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 विनायक चतुर्थी की तारीख और मुहूर्त—
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 11 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 3 मिनट पर हो चुकी है और इसका समापन 12 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 11 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में विनायक चतुर्थी का पर्व 12 अप्रैल दिन शुक्रवार यानी की आज मनाया जा रहा है। पंचांग के अनुसार विनायक चतुर्थी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 12 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। ऐसे में भक्तों को भगवान गणेश की पूजा के लिए कुल 2 घंटे से भी अधिक का समय मिल रहा है इस मुहूर्त में गणपति साधना उत्तम फल प्रदान करेगी।
 गणपति पूजा विधि—
विनायक चतुर्थी के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें पूजन स्थल की अच्छी तरह से साफ सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर श्री गणेश प्रतिमा स्थापित करें। अब भगवान के समक्ष घी का दीपक जलाएं और रोली, चावल से तिलक करें फिर पुष्प अर्पित कर मिठाई, फल का भोग लगाएं। इसके बाद भगवान को मोछक और दूर्वा अर्पित करें। फिर श्री गणेश की आरती करें पूजा के अंत में भूल चूक के लिए क्षमा मांगे और भगवान श्री गणेश की कृपा, सुख, समृद्धि और धन में वृद्धि के लिए प्रार्थना करें भोग को प्रसाद के तौर पर वितरण करें इसके बाद आप श्री गणेश के मंत्र, चालीसा का पाठ जरूर करें।
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