ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार आती है अभी चैत्र का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की साधना को समर्पित होती है
इस दिन भक्त दिनभर उपवास रखते हुए देवी की पूजा करते हैं पूर्णिमा तिथि पर स्नान दान का भी विशेष महत्व होता है मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा चैत्र पूर्णिमा की तारीख और मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
चैत्र पूर्णिमा की तारीख—
चैत्र मास की पूर्णिमा 23 अप्रैल दिन मंगलवार को पड़ रही है इसी दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के सत्य नारायण स्वरूप की पूजा का विधान होता है मान्यता है कि उनकी पूजा करने से कृपा प्राप्त होती है। इस दिन उपवास करने का भी विधान होता है। पूर्णिमा तिथि पर रात्रि में चंद्रमा को जल अर्पित कर लक्ष्मी पूजन करने से सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
चैत्र पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 25 मिनट से आरंभ हो रहा है जोकि 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएग। उदयातिथि के अनुसार चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल को मनाया जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन की कमी से मुक्ति मिलती है और देवी का घर में वास होने लगता है।