Chaitra Purnima 2021: 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा, जानें मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

चैत्र पूर्णिमा 27 अप्रैल को पड़ रही है।

Update: 2021-04-22 15:50 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क:  चैत्र पूर्णिमा 27 अप्रैल को पड़ रही है। शास्त्रों में चैत्र पूर्णिमा को चैत पूनम या मधु पूर्णम के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक दृष्टि से चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान एवं दान-पुण्य के कार्य करने से समस्त प्रकार के दुखों से छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं पूर्णिमा तिथि का मुहूर्त, पूजा विधि और धार्मिक महत्व के बारे में।

चैत्र पूर्णिमा मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 26 अप्रैल 2021, सोमवार, दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 27 अप्रैल, 2021, मंगलवार, सुबह 09 बजकर 01 मिनट तक
चैत्र पूर्णिमा मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 26 अप्रैल 2021, सोमवार, दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 27 अप्रैल, 2021, मंगलवार, सुबह 09 बजकर 01 मिनट तक
चैत्र पूर्णिमा व्रत विधि
चैत्र पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें। पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें और स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें। स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। स्नान से निवृत्त होकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए और उन्हें नैवेद्य अर्पित करना चाहिए। अंत में दान-दक्षिणा दें।
चैत्र पूर्णिमा के दिन होती है हनुमान जयंती
चैत्र पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीराम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव होता है। इसलिए प्रति वर्ष इस दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चैत्र माह में पूर्णिमा तिथि के दिन मां अंजनी की कोख से हनुमान जी का जन्म हुआ था।
चैत्र पूर्णिमा का महत्व
चैत्र पूर्णिमा नवसंवत्सर की पहली पूर्णिमा होती है। इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से जातकों सुख, धन और वैभव की प्राप्ति होती है। इस दिन विष्णु जी के स्वरूप भगवान सत्यनारायण की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। साथ ही इस दिन सत्यनारायण का व्रत करने से जातकों को समस्त प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलता है।
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