इन बातों का पालन करने से व्यक्ति दूर कर सकता है अपने दुर्भाग्य

गरुड़ पुराण को सनातन धर्म में विशेष दर्जा दिया गया है.

Update: 2021-06-11 08:39 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | गरुड़ पुराण को सनातन धर्म में विशेष दर्जा दिया गया है. इसे 18 महापुराणों में से एक माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि किसी की मृत्यु के बाद यदि उसके घर में गरुड़ पुराण का पाठ कराया जाए तो मरने वाले की आत्मा को सद्गति प्राप्त होती है. गरुड़ पुराण में ​मृत्यु और मृत्यु के बाद की स्थितियों के बारे में बताया गया है. स्वर्ग, नर्क और पितृ लोक का भी जिक्र किया गया है.

इन बातों के ​जरिए लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया गया है. गरुड़ पुराण के नीतिसार अध्याय में ऐसी कई नीतियों का जिक्र है जो मानव को सही तरीके से जीने के बारे में ​शिक्षित करती हैं. यहां जानिए कुछ ऐसी बातें जिनका पालन करके व्यक्ति अपने दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदल सकता है.

अपना भाग्य खुद बनाइए

हम सभी अपने जीवन में धन कमाने के लिए कई जतन करते हैं, लेकिन हर किसी को इस मामले में सफलता प्रा​प्त हो, ये जरूरी नहीं होता. इसका कारण है कि कई बार व्यक्ति का भाग्य उसका साथ नहीं देता. ऐसे में उसे कर्म करके अपने भाग्य का निर्माण करना चाहिए. यदि आप वाकई जीवन में सफल होना चाहते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो सबसे पहले साफ-सफाई का ध्यान रखना सीखिए. तमाम शास्त्रों में इस बात का जिक्र है कि जिस घर में स्वच्छता होती है, वहां मां लक्ष्मी स्वयं निवास कर​ती हैं.

शरीर और स्थान दोनों की स्वच्छता जरूरी

स्वच्छता से मतलब अपने शरीर की स्वच्छता और जिस स्थान पर भी आप रहते हैं, उस स्थान की स्वच्छता से है. यदि मां लक्ष्मी की प्रसन्नता चाहते हैं तो सुबह से ही घर को साफ सुथरा करें. स्वयं की स्वच्छता का ध्यान रखें. नियमित रूप से स्नान करें और स्वच्छ और सुगंधित वस्त्र पहनें और भगवान की पूजा करें. ऐसा नियमित तौर पर करने वाले का दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है. माना जाता है कि जिस घर में साफ सफाई का खयाल नहीं रखा जाता, वहां माता लक्ष्मी कभी नहीं ठहरतीं. ऐसी जगहों पर नकारात्मकता निवास करती है और बीमारियां पनपती हैं. उस घर में धन ठहर नहीं पाता.

मुक्ति का मार्ग दिखाता है गरुड़ पुराण

बता दें कि गरुड़ पुराण को वैष्णव पुराण कहा जाता है. ये लोगों को भगवान विष्णु की भक्ति की ओर अग्रसर करता है और मुक्ति का मार्ग दिखाता है. इस पुराण में बताई गईं सभी बातें पहले गरुड़ ने भगवान विष्णु से सुनीं और फिर उन बातों को कश्यप ऋषि को बताया. गरुड़ पुराण में कुल 19 हजार श्लोक हैं जिनमें से एक श्लोक में व्यक्ति को स्वच्छता का महत्व समझाया गया है.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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