सावन के इन दिनों में वर्जित होता है बेलपत्र तोड़ना
शिवजी के प्रिय माह सावन में उन्हें पूजा में उनकी प्रिय चीजें अर्पित की जाती हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देवों के देव महादेव को सावन का महीना (Sawan Month) प्रिय होता है, इसलिए इस पूरे माह शिवजी के प्रसिद्ध मंदिरों और शिवालयों में शिवभक्त पूजा-अर्चना के लिए पहुचते हैं. शिवजी के प्रिय माह सावन में उन्हें पूजा में उनकी प्रिय चीजें अर्पित की जाती हैं. इससे महादेव प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. शिवजी को बेलपत्र अतिप्रिय है और उनकी सभी पूजा में बेलपत्र जरूर चढ़ाया जाता है क्योंकि बेलपत्र के बिना शिवजी की पूजा अधूरी मानी जाती है और पूजा का फल प्राप्त नहीं होता. स्कंद पुराण के अनुसार, शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं. सावन माह में शिवलिंग पर प्रतिदिन बेलपत्र चढ़ाना चाहिए, लेकिन सावन में प्रतिदिन बेलपत्र (Belpatra) तोड़ना वर्जित होता है.
सावन में ऐसे कुछ दिन होते हैं, जिनमें बेलपत्र तोड़ना शुभ नहीं माना जाता है और इन दिनों में बेलपत्र तोड़ने से महादेव नाराज हो जाते हैं. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं सावन के किन 8 दिनों में नहीं तोड़ना चाहिए बेलपत्र और क्या है बेलपत्र चढ़ाने के जरूरी नियम?
सावन के इन दिनों में वर्जित होता है बेलपत्र तोड़ना
सावन महीने में पड़ने वाली चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, सावन अमावस्या, सावन पूर्णिमा, संक्रांति और सोमवार के दिन भूलकर भी बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए. इससे शिवजी नाराज हो जाते हैं. सावन महीने में यदि आप शिवजी को प्रतिदिन बेलपत्र चढ़ाते हैं तो इन शुभ दिनों से एक दिन पूर्व ही पूजा के लिए बेलपत्र तोड़कर रख लें और अगले दिन उसे धोकर पूजा में चढ़ाएं.
बेलपत्र चढ़ाते समय इन बातों का रखें ध्यान
– शिवजी को आप जो बेलपत्र चढ़ाएं, उसके पत्ते कटे या टूटे हुए न हों. इस बात विशेष ध्यान रखें.
– बेलपत्र के ऊपरी यानी चिकने हिस्से को शिवलिंग से स्पर्श कराते हुए चढ़ाएं.
– त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुतम्। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्॥' मंत्र का जाप करते हुए – बेलपत्र चढ़ाने से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.