आसमान में 26 मई को दिखेगा ब्लड मून, जानें कब दिखेगा स्ट्रॉबेरी और मिल्क मून का खूबसूरत नजारा
आसमान में कब दिखेगा खूबसूरत नजारा
धरती पर जहां चारों ओर तबाही मची हुई है। एक ओर कोरोना से मची हाहाकार तो दूसरी ओर तोकाते तूफान से मची तबाही तो वहीं ब्लैक फंगस नामक डरावनी बीमारी। मगर आसमान में जल्द ही एक बेहद खूबसूरत नजारा दिखने वाला है। जी हां 26 मई को आसमान में इस बार साल का पहला और आखिरी ब्लड मून नजर आएगा। आपको बता दें कि ब्लड मून का नजारा तब देखने को मिलता है जब चंद्रमा को पूरी तरह से ग्रहण लगता है। इस स्थिति को पूर्ण चंद्रग्रहण कहते हैं। दुनिया के कई हिस्सों में पूर्ण चंद्रग्रहण कुल मिलाकर 3 घंटे 7 मिनट तक रहने वाला है। लेकिन भारत में यह केवल पेनुम्ब्रल चंद्रग्रहण के तौर पर महज 5 मिनट के लिए ही दिखाई देगा। चंद्रग्रहण उस खगोलीय घटना को कहते हैं कि जब पूर्णिमा पर चंद्रमा को पृथ्वी की छाया पूरी तरह से ढक लेती है।
क्या होता है ब्लड मून
ब्लड मून उस स्थिति को कहा जाता है जब चांद की पूरी सतह लाल हो जाती है। ऐसा तभी होता है जब पृथ्वी चांद और सूरज के बीच आकर सूरज की रोशनी को सीधे चांद तक पहुंचने से रोकती है, ऐसे में पृथ्वी के वायुमंडल से टकराकर जब रोशनी चांद की सतह पर पड़ती है तो यह लाल रंग में परिवर्तित हो जाती है, जिसे ब्लड मून कहा जाता है। आइए आपको बताते हैं कि सभी 12 महीनों में आने वाली पूर्णिमा के चंद्रमा को क्या नाम दिया गया है।
जनवरी की पूर्णिमा का नाम
जनवरी की पूर्णिमा के चांद को वोल्फ मून नाम दिया गया है। ये ठीक उसी प्रकार से है कि कड़ाके की सर्दी के बीच कोई भूखा भेड़िया शिकार करने निकला हो और सर्दी की वजह से उसे खाने को कुछ न मिल रहा हो। इस महीने के चांद को ओल्ड मून और आइए मून भी कहा जाता है।
फरवरी की पूर्णिमा का नाम
उत्तरी अमेरिका में फरवरी के महीने में एकदम बर्फीली सर्दी पड़ती है जब चारों ओर सिर्फ बर्फ ही बर्फ नजर आती है। इस वजह से इस महीने की पूर्णिमा को स्नो मून कहा जाता है। इस महीने की पूर्णिमा का दूसरा नाम स्टॉर्म मून और हंगर मून भी होता है।
मार्च की पूर्णिमा का नाम
अमेरिकी लोग सर्दियों की इस आखिरी पूर्णिमा को वॉर्म मून कहते हैं। ऐसा इसलिए है क्यों इस महीने में सर्दी खत्म होना शुरू हो जाती है और रेंगने वाले कीड़े यानी कि वॉर्म धरती की सतह पर आ जाते हैं। इसके साथ ही इस पूर्णिमा को चेस्ट मून, डेथ मून और क्रस्ट मून भी कहा जाता है।
अप्रैल की पूर्णिमा का नाम
उत्तरी अमेरिका में जो लोग काफी पहले आकर बस चुके थे, वह अप्रैल के फुल मून को पिंक मून कहते थे। दरअसल इस महीने में यहां के जंगलों में पेड़ गुलाबी रंग के फूलों से भर जाते हैं। इसलिए इसे पिंक मून कहा जाता है। अन्य स्थानों पर इसे ऐग मून और फिश मून भी कहा जाता है।
मई की पूर्णिमा का नाम
मई के महीने में आने वाली पूर्णिमा के चांद को यहां पर फ्लॉवर मून कहा जाता है। दरअसल मई के महीने में यहां चारों ओर फूलों की छटा बिखरी होती है और पूरा वातावरण खिला-खिला रहता है। अन्य स्थानों पर इसे मिल्क मून और कॉर्न प्लाटिंग मून भी कहा जाता है।
जून की पूर्णिमा का नाम
उत्तरी अमेरिका में जून के महीने में स्ट्रॉबेरी की बड़े पैमाने पर खेती होती है और इस वजह से यहां इस महीने के फुल मून को स्ट्रॉबेरी मून नाम दिया गया है। वहीं यूरोप के लोग इस महीने के चांद को हॉट मून भी कहते हैं।
जुलाई की पूर्णिमा का नाम
जुलाई के महीने में अमेरिका में हिरन के नए सींग आते हैं, तो इस वजह से इस महीने के फुल मून को यहां के लोग बक मून कहते हैं। कुछ लोग इसे ठंडर मून भी कहते हैं।
अगस्त की पूर्णिमा का नाम
अगस्त के महीने में उत्तरी अमेरिका में फिश की स्टरगन नामक प्रजाति पूरी बहुतायत में पाई जाती है तो इसलिए इस महीने के फुल मून का नाम स्टरगन मून रखा गया है। कुछ स्थानों पर इसे ग्रीन कॉर्न मून और ग्रेन मून भी कहा जाता है।
सितंबर की पूर्णिमा का नाम
सितंबर के महीने के फुल मून को यहां पर फुल कॉर्न मून के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इस महीने में यहां पर मक्का की फसल लहलहाने लगती है और इस महीने में यहां चंद्रमा जल्दी निकल आता है और उसकी रोशनी में काफी अधिक होती है। इस वजह से यहां के किसान रात में भी काम कर पाते हैं। यहां कुछ स्थानों पर इसे बार्ले मून या फिर हारवेस्ट मून भी कहा जाता है।
अक्टूबर की पूर्णिमा का नाम
अक्टूबर में यहां फुल मून को हंटर्स मून कहा जाता है क्योंकि यहां इस वक्त चांद की रोशनी काफी चमकीली होती है तो इस वजह से शिकारियों को रात के वक्त शिकार करने में आसानी होती है। यही वजह है कि इसे हंटर्स मून कहा जाता है। इसके अलावा इसे ट्रेवल मून और डाइंग ग्रास मून भी कहा जाता है।
नवंबर की पूर्णिमा का नाम
नवंबर के फुल मून को यहां बीवर मून कहा जाता है। यहां नवंबर में सर्दियों की शुरुआत हो जाती है और ऊदबिलाव जो अंग्रेजी में बीवर कहलाते हैं अपने बिल से निकलकर शिकार करना आरंभ कर देते हैं।
दिसंबर की पूर्णिमा का नाम
दिसंबर के महीने में यहां अच्छी खासी सर्दी होने लगती है तो इस वजह से इस महीने के फुल मून को यहां पर कोल्ड मून कहा जाता है।