जानिए इन राशियों पर रहेगा ढैय्या व साढ़ेसाती का प्रभाव, रहे सावधान
इस वर्ष 2022 की सबसे दर्शनीय ज्योतिषीय घटना है 29 अप्रैल 2022 को होने वाला शनि का गोचर
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | इस वर्ष 2022 की सबसे दर्शनीय ज्योतिषीय घटना है 29 अप्रैल 2022 को होने वाला शनि का गोचर। जी हाँ, शनि 2022 अप्रैल की आने वाली 29 तारीख को मकर से कुम्भ में राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं।
इन राशियों पर रहेगा ढैय्या व साढ़ेसाती का प्रभाव
शनि का गोचर सुनते ही हम सभी के मस्तिष्क में डर व भय के विचार आने लगते हैं। पर हम आपको बता दें की शनि के गोचर से डरने जैसी कोई बात नहीं है बल्कि यह तो एक अत्यंत रहस्मयी गोचर है जो आपके लिए किस्मत के बंद दरवाज़ें खोल भी सकता है। कुछ राशियां शनि की उथल -पुथल से मुक्त हो जाएँगी तो कुछ राशियों को न्याय के देवता शनि अपने सख्त पंजों में जकड़ लेंगें। 29 अप्रैल से तैयार हो जाइये अपने अच्छे-बुरे कर्मों के हिसाब के लिए, क्योंकि ढाई साल के लिए शनि जा रहे हैं अपनी ही मूलत्रिकोण राशि कुम्भ में।
शनि का गोचर अपने आप में एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है और शनि की हर राशि व नक्षत्रों में गोचर पर, सभी ज्योतिषी सूक्ष्मता से विचार करते हैं। शनि का गोचर Saturn transit प्रत्येक ढाई साल बाद होता है। शनि का गोचर व्यक्ति के जीवन की काया-पलट कर देने वाला साबित हो सकता है।
शनि के गोचर के महत्वपूर्ण पहलू
शनि का गोचर व्यक्ति को अपनी गलतियां सुधारने को अवसर देता है इसलिए शनि के गोचर से डरने की बजाय इससे सीख लेकर हमें अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहिए। जो लोग कर्म सुधार में विश्वास नहीं रखते उनके लिए शनि का गोचर एक डरने का विषय हो सकता है | शनि का गोचर प्रत्येक राशि के लिए अलग अलग फल ले कर आता है और इसकी दो स्थितियां बहुत ही महत्पूर्ण मानी गयी हैं। एक है शनि की ढैया और दूसरी है शनि की साढ़े साती। चलिए इन स्थियों के बारे में –
शनि की ढैय्या - जब भी किसी कुंडली में शनि चंद्र राशि से चौथे या आठवें भाव में गोचर करते हैं तो उस व्यक्ति के जीवन में ढैय्या का आगमन हो जाता है। शनि का ढाई साल का गोचर ढैय्या कहलाता है। यह दोनों ही स्थितियां कष्टप्रदायक है। परन्तु यदि जन्म कुंडली में शनि शुभ है तो फिर इस अवधि में शुभ फलों की भी प्राप्ति होती है।
शनि की साढ़े साती - जब भी शनि चंद्र राशि से बारहवें, पहले या दुसरे भाव में गोचर करता है तो यह कहा जाता है की उस व्यक्ति की साढ़े साती शुरू हो गयी है। साढ़े साती तीन भावों में निरंतर चलती है और इसकी समय अवधि साढ़े सात साल की है। हमने कई लोगों को अपनी साढ़े साती में उन्नति के शिखर को छूते देखा है। साढ़े साती हमेशा दुष्परिणाम नहीं लाती और यदि आपकी कुंडली में शनि शुभ अवस्था में विद्यमान है तो आपको डरने की बिलकुल भी आवश्यकता नहीं। परन्तु यदि शनि कुंडली में कमज़ोर है तो आप साढ़े साती के दौरान अत्यंत पीड़ित रह सकते हैं।
शनि राशि परिवर्तन 2022 कब होगा
शनि 29 अप्रैल 2022 को अपनी वर्तमान राशि मकर से अपनी मूलत्रिकोण राशि कुम्भ में गोचर करने जा रहे है। शनि देव के कुम्भ में राशि परिवर्तन से आने वाले सालों में 3 राशियों पर शनि की साढ़े साती और 2 राशियों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार हर व्यक्ति को अपने जीवन में एक न एक बार शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का सामना ज़रूर करना पड़ता है। यही वह समय होता है जब हमें अपने कर्मों का अच्छा या बुरा हिसाब चुकाना पड़ता है।
शनि देव अभी फिलहाल अपनी स्वराशि मकर में हैं, जिसकी वजह से धनु, मकर और कुंभ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती, जबकि मिथुन और तुला राशियों पर शनि की ढैय्या चल रही है। मकर और कुम्भ राशि साढ़े साती के क्रमशः तीसरे व दुसरे चरण में प्रवेश करेंगें।
कैसे करें शनि देव की पूजा?
इस दिन भगवान शनिदेव औऱ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। वेदों के अनुसार शनिवार के दिन पीपल के पेड़ का दोनों हाथ से स्पर्श करते हुए ओम नम: शिवाय का 108 मंत्र जाप करें। शनिवार को पीपल के जड़ में जल चढ़ाने से सभी प्रकार के कष्टों की समाप्ति होती है। इस दिन पीपल के पेड़ व भगवान शनिदेव के मंदिर में उनकी मूर्ती के सामने तेल का दीपक जलाना चाहिए ऐसा करने से शनिदेव की कृपा व्यक्ति पर बनी रहती है।
एक निस्वार्थ ज्योतिष होने के नाते मेरी सबको सलाह है कि अपने ऊपर आने वाली शनि कि साढ़े साती के बारे में साढ़े साती कैलकुलेटर Sade Sati Calculator से जाने और जो साढ़े साती के लाभ हैं उनके बारे में जानिए न कि साढ़े साती से डरें। शनि गोचर या शनि साढ़े साती से सम्बंधित व्यक्तिगत जानकारी के लिए आप मेरे ऑफिस में फ़ोन नंबर 09278555588, 9278665588 पर कॉल करके मुझसे संपर्क कर सकते हैं।