Bhadrapada month ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन प्रदोष व्रत को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार यानी हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है यह तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है
इस दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं माना जाता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से कल्याण का आशीर्वाद मिलता है और दुखों का अंत हो जाता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि भाद्रपद माह में प्रदोष व्रत कब किया जाएगा तो आइए जानते हैं।
प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 31 अगस्त को देर रात 2 बजकर 25 मिनट से आरंभ हो रही है और अगले दिन यानी की 1 सितंबर को देर रात 3 बजकर 40 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। वही त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है ऐसे में 31 अगस्त को प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
इस दिन प्रदोष काल यानी की पूजा का समय संध्याकाल 6 बजकर 43 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 59 मिनट तक है। ऐसे में भक्त इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा अर्चना कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।