रक्षा बंधन के दिन इस समय से शुरू होगा भद्राकाल, जानें राखी बांधने का उत्तम मुहूर्त
सावन मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक यह त्योहार इस साल 11 अगस्त, गुरुवार को मनाया जाएगा।
सावन मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक यह त्योहार इस साल 11 अगस्त, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में राखी बांधकर उसकी लंबी आयु की कामना करती हैं, वहीं भाई अपनी बहन को जीवन भर रक्षा करने का वचन देते हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस साल राखी पर भद्रा का साया रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना गया है। जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त-
रक्षा बंधन 2022 शुभ मुहूर्त-
इस साल पूर्णिमा 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर प्रारंभ होगी, जो कि 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 11 अगस्त को सुबह 09 बजकर 28 मिनट से रात 09 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।
इस अवधि में न बांधे राखी-
इस साल रक्षा बंधन पर भद्रा का साया रहेगा। भद्रा पुंछ 11 अगस्त को शाम 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। भद्रा मुख शाम 06 बजकर 18 मिनट से रात 8 बजे तक रहेगी। भद्राकाल का समापन रात 08 बजकर 51 मिनट पर होगा।
भद्राकाल में क्यों नहीं बांधते राखी-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा में राखी न बंधवाने की पीछ कारण है कि लंकापति रावण ने अपनी बहन से भद्रा में राखी बंधवाई और एक साल के अंदर उसका विनाश हो गया। इसलिए इस समय को छोड़कर ही बहनें अपने भाई के राखी बांधती हैं। वहीं यह भी कहा जाता है कि भद्रा शनि महाराज की बहन है। उन्हें ब्रह्माजी जी ने शाप दिया था कि जो भी व्यक्ति भद्रा में शुभ काम करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा। इसके अलावा राहुकाल में भी राखी नहीं बांधी जाती है।