8 जुलाई को मनाई जाएगी भादली नवमी, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

8 जुलाई को मनाई जाएगी भादली नवमी

Update: 2022-07-04 08:06 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष : हिंदू धर्म में व्रत पूजा को बेहद ही खास महत्व दिया गया हे वही पंचांग के अनुसार भड़ली नवमी का व्रत हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी ति​थि को मनाया जाता है इस बार भड़ली नवमी का व्रत 8 जुलाई दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। भड़ली नवमी को कई और नामों से भी जाना जाता है कहीं कहीं पर इस व्रत को भड़ल्या नवमी और कंदर्प नवमी भी कहते हैं तो आज हम आपको भड़ली नवमी के व्रत के बारे में विस्तार से बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

आपको बता दें कि धार्मिक तौर पर भड़ली नवमी का महत्व अक्षय तृतीया के जितना होता है अक्षय तृतीया के दिन की तरह से ही इस दिन भी पूरे समय वैवाहिक कार्यक्रम किए जा सकते हैं पंचांग के अनुसार भड़ली नवमी के दिन शादी विवाह का शुभ मुहूर्त पूरे दिन रहेगा। इस दिन आप बिना पंचांग देखे भी शादी कर सकते हैं क्योंकि दिनभर अबूझ मुहूर्त होता है।
जानिए तिथि और मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की नवमी ति​थि का आरंभ 7 जुलाई दिन गुरुवार को शाम 7 बजकर 28 मिनट से। आषाढ़ शुक्ल नवमी तिथि का समापन 8 जुलाई दिन शुक्रवार को शाम 6 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। उदया तिथि के आधार पर भड़ली नवमी का व्रत 8 जुलाई शुक्रवार को रखा जाएगा। आपको बता दें कि भड़ली नवमी के दिन शुभ योग बन रहे हैं पंचांग के अनुसार इस साल यानी 2022 में भड़ली नवमी पर तीन शुभ योग शिव योग, सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है जो इस दिन के महत्व को और अधिक बढ़ा रहा है।
जानिए शुभ योग का समय—
शिव योग— 09: 01 AM तक
सिद्ध योग— 09: 01 AM से पूरे दिन रहेगा
रवि योग— 8 जुलाई 12:14 PM से 09 जुलाई को 05: 30 AM तक
भड़ली नवमी के दिन अभिजीत मुहूर्त या शुभ समय— 11: 58 AM से 12 : 54 PM तक
चित्रा नक्षत्र— सुबह से 12:14 PM रहेगा। उसके बाद से स्वाती नक्षत्र आरंभ हो जाएगा। पंचांग के अनुसान दोनों नक्षत्र मांगलिक कार्यों के लिए बेहद ही शुभ रहेंगे।


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