Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ रथ यात्रा से पहले करते है सोने के झाड़ू मे सफाई

Update: 2024-06-27 09:50 GMT
Jagannath Rath Yatra: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का सनातन धर्म में बड़ा धार्मिक महत्व है। यह हर साल आषाढ़ माह के ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर से बड़े धूमधाम और भव्यता के साथ निकाली जाती है। यह पवित्र यात्रा बेहद लंबे समय से निकाली जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल इसकी शुरुआत 07 जुलाई से होगी। वहीं, इसका समापन 16 जुलाई को होगा। इस रथ यात्रा में बाबा जगन्नाथ और उनके बड़े भाई बलराम, छोटी बहन सुभद्रा शामिल होती हैं।
यह अवधि जगन्नाथ प्रभु के भक्तों के लिए बेहद शुभ और मंगलकारी होती है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आकर शामिल होते हैं,
तो आइए इससे (Jagannath Rath Yatra 2024) जुड़ी कुछ रोचक बातों को जानते हैं -
जुड़ी हुई कई सारी ऐसी परंपराएं हैं, जिनका पालन आज भी भक्ति के साथ किया जाता है। इन्हीं नियमों में से एक यात्रा से पूर्व सोने के हत्थे वाली झाड़ू का उपयोग सफाई के लिए किया जाता है। बता दें, इस रहस्यमयी परंपरा का लोग सालों से पालन कर रहे हैं, जिसमें आज भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस झाड़ू से हर कोई सफाई नहीं कर सकता है। इस अनुष्ठान में सिर्फ राजाओं के वंशज ही भाग लेते हैं। इसके बाद वैदिक मंत्रों का जाप होता है और फिर रथ यात्रा शुरू की जाती है।
क्यों होती है सोने की झाड़ू से सफाई? Why is cleaning done with a golden broom?
सोने की झाड़ू से रास्ते की सफाई होना शुभता का प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस अनुष्ठान के जरिए प्रभु जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के प्रति आभार और भक्ति प्रकट की जाती है।
साथ ही उनके रास्ते को पूर्ण रूप से स्वच्छ और शुद्ध किया जाता है। वहीं, इस नियम का पालन करने से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि, वैभव, ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा व्यक्ति को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।
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