रक्षा बंधन : ज्योतिषियों की मानें तो भद्रा काल रात के 09 बजकर 02 मिनट तक है। इसके पश्चात राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है जो अगले दिन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है। इस दौरान बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं। बहनें राखी बांधने के समय दिशा का ध्यान अवश्य ही ध्यान रखें। राखी बांधते समय जरूर रखें दिशा का ध्यान, अनदेखी करने से नहीं मिलेगा फल राखी बांधते समय जरूर रखें दिशा का ध्यान, अनदेखी करने से नहीं मिलेगा फल भाई-बहन के प्यार का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन 30 और 31 अगस्त को है। ज्योतिषियों की मानें तो भद्रा काल रात के 09 बजकर 02 मिनट तक है। इसके पश्चात, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है, जो अगले दिन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है। इस दौरान बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं। हालांकि, बहनें राखी बांधने के समय दिशा का ध्यान रखना भूल जाती हैं। दिशा का ध्यान न केवल दिन के समय बल्कि रात के समय भी रखना चाहिए। अगर आप दिशा का ध्यान रखती हैं, तो भाई को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइए, दिशा समेत राखी बांधने के अन्य नियम जानते हैं-
दिशा ज्योतिषियों की मानें तो राखी बांधते समय बहनों का मुख या चेहरा पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए। वहीं, भाइयों का मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए। अगर पूर्व दिशा किसी कारणवश उपलब्ध नहीं है, तो भाई उत्तर की दिशा में मुख कर बैठ सकते हैं। ये दोनों दिशा शुभ होती हैं। इन दिशाओं में देवी-देवताओं का वास होता है। अगर संध्याकाल में राखी बांधती हैं, तो भाई का मुख पश्चिम की तरफ होना चाहिए। वहीं, सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक पूर्व और उत्तर दिशा में मुख कर राखी बंधवानी चाहिए। ऐसा करने से भाई के सौभाग्य में वृद्धि होती है। किस हाथ में बांधे राखी ? धार्मिक मत है कि पुरूषों के दाहिने भाग में देवताओं का वास होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि दाहिना हाथ शक्ति का स्रोत होता है। इसके लिए सभी शुभ कार्य दाहिने हाथ से किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति दाहिने हाथ से दान करता है, तो उस दान को भगवान भी स्वीकार करते हैं। अत: हमेशा ही दाहिने हाथ में राखी बांधनी चाहिए।