इन दो शुभ योग में मनेगी बसंत पंचमी, जाने पूजन का शुभ मुहूर्त

माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) है। इस वर्ष पंचमी तिथि 5 फरवरी को पड़ रही है। सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त पांच फरवरी को सुबह 6 बजकर 43 मिनट से 6 फरवरी सुबह 6 बजकर 43 मिनट तक है।

Update: 2022-02-03 04:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) है। इस वर्ष पंचमी तिथि 5 फरवरी को पड़ रही है। सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त पांच फरवरी को सुबह 6 बजकर 43 मिनट से 6 फरवरी सुबह 6 बजकर 43 मिनट तक है। ज्योतिषाचार्य पीके युग कहते हैं कि सरस्वती पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 5 फरवरी को सुबह 6 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक सबसे उत्तम है। इस दिन मां सरस्वती की आराधना करने से अपार बुद्धि और अच्छी विद्या प्राप्त होती है।

मां का हुआ था अवतरण : ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि माना जाता है कि वसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का अवतरण हुआ था। नवरात्रा में दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी के रूप में सरस्वती स्वरूप की उपासना की भी परंपरा है। मकर राशि में सूर्य और बुध के रहने से इस वर्ष बुधादित्य योग भी बन रहा है। इस दिन सभी ग्रह चार राशियों में विद्यमान रहेंगे।
चार भुजाधारी हैं मां सरस्वती
सरस्वती माता की चार भुजाए हैं। इसमें एक हाथ में माला, दूसरे में पुस्तक और दो अन्य हाथों में वीणा बजाती नजर आती है। सुरों की अधिष्ठात्री होने के कारण इनका नाम सरस्वती पड़ा। इस दिन मां सरस्वती के साथ-साथ भगवान गणेश, लक्ष्मी, कॉपी, कलम और संगीत यंत्रों की पूजा अति फलदायी माना जाता है। देवी सरस्वती के सत्व गुण संपन्न एवं विद्या की अधिष्ठात्री हैं। ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस तिथि से अक्षराम्भ, विद्यारंभ को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। पूजा के बाद श्रद्धालु एक दूसरे को अबीर और गुलाल लगाएंगे।


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