बसंत पंचमी आज, जानें मां सरस्‍वती पूजा करने का शुभ मुहूर्त और विध‍ि

वसंत पंचमी का दिन ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और प्रौद्योगिकी की देवी सरस्वती मां को समर्पित है. वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है.

Update: 2022-02-05 05:07 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  वसंत पंचमी का दिन ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और प्रौद्योगिकी की देवी सरस्वती मां को समर्पित है. वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. वसंत पंचमी को श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. लोग ज्ञान प्राप्त करने और सुस्ती, आलस्य और अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिए देवी सरस्वती की पूजा करते हैं. बच्चों को शिक्षा देने के इस दिन अक्षर-अभ्यसम या विद्या-अरम्भम/प्रसाना नाम का अनुष्‍ठान किया जाता है, जो वसंत पंचमी के प्रसिद्ध अनुष्ठानों में से एक है.

बसंत पंचमी तारीख और मुहूर्त 
पंचमी तिथ‍ि कब से शुरू : 05 फरवरी 2022 को सुबह 03:47 बजे से शुरू
पंचमी तिथ‍ि कब खत्‍म होगी: 06 फरवरी सुबह 03:46 बजे तक
बसंत पंचमी: शन‍िवार, 5 फरवरी 2022
बसंत पंचमी मुहूर्त: शनिवार सुबह 07:07 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक
बसंत पंचमी मध्‍याहन : शनिवार दोपहर 12:35
पूजा की अवध‍ि : 05 घंटे 28 मिनट 
सरस्वती आरती
!! जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता,
सद्दग़ुण वैभव शालिनि, त्रिभुवन विख्याता,
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता !! 
!! चंद्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी,
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी,
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता !!
!! बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला,
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला,
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता !!
!! देवि शरण जो आए, उनका उद्धार किया,
पैठि मंथरा दासी, रावण संहार किया,
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता !!
!! विद्या ज्ञान प्रदायिनि ज्ञान प्रकाश भरो,
मोह, अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ,
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता !!
!! धूप दीप फल मेवा, मां स्वीकार करो,
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो,
ॐ जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता !!
!! मां सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे,
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे,
ॐ जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता !!
बसंत पंचमी को मां सरस्‍वती की पूजा विधि
1. स्‍नान कर पीला वस्‍त्र धारण करें. इसके बाद पूजा का स्‍थान साफ करें और मां सरस्वती की प्रतिमा को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें.
2. रोली, चंदन, हल्दी, केसर, चंदन, पीले या सफेद रंग के फूल चढाएं. मां को तिल और दूध की बनी मिठाई या पीली मिठाई और अक्षत अर्पित करें.
3. अगर आप छात्र हैं तो पूजा के स्थान पर अपनी किताबें, कलम रखें. संगीत क्षेत्र के जातक वाद्य यंत्र रखें.
4. मां सरस्वती की चालीसा का पाठ करें और आरती करें.
5. मां का प्रसाद सभी में वितरित करें.


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