Ekadashi: हर वर्ष सावन माह Sawan monthके कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि Dashami Date के अगले दिन कामिका एकादशी Ekadashiमनाई जाती है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु एवं धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। इस अवसर पर व्रती सुबह में उठकर घर की साफ-सफाई करते हैं। दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद व्रती स्नान-ध्यान कर विधि-विधान से लक्ष्मी की पूजा करते हैं। साथ ही एकादशी का व्रत रखते हैं। इस व्रत की महिमा शास्त्रों में निहित है। एकादशी व्रत के पुण्य-प्रताप से अनजाने में किए गए समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। अत: वैष्णव समाज के लोग विधि-विधान से एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। आइए, कामिका एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं- नारायण जी
शुभ मुहूर्त
पंचांग Almanacके अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई Date July 30 को संध्याकाल 04 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 31 जुलाई को संध्याकाल 03 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में व्रत-त्योहार के लिए सूर्योदय के बाद से तिथि की गणना की जाती है। अत:31 जुलाई को सावन माह की पहली एकादशी मनाई जाएगी। आसान शब्दों में कहें तो 31 जुलाई को कामिका एकादशी मनाई जाएगी। व्रती 1 अगस्त को सुबह 05 बजकर 43 मिनट से लेकर 08 बजकर 24 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं।योग
कामिका एकादशीEkadashi पर ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दोपहर 02 बजकर 14 मिनट तक है। ज्योतिष ध्रुव योग को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। साथ ही शुभ कार्यों में सिद्धि मिलेगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर है। शिववास योग
कामिका एकादशी पर देवों के देव महादेव कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे। इस समय में भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। भगवान शिव दोपहर 03 बजकर 55 मिनट तक कैलाश seatedKailashपर रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार होंगे। दोनों समय अभिषेक के लिए अनुकूल है। इस समय में भगवान नारायण Lord Narayanaकी भी पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में बढ़ोतरी होगी।