धर्म अध्यात्म : भगवान शिव का अति प्रिय मास सावन शुरू हो चुका है। इस पूरे महीने भक्तगण महादेव की उपासना में लीन रहते हैं। हिंदू धर्म में सावन माह का काफी महत्व है। कहते हैं इन दिनों भोलेनाथ मां पार्वती के साथ धरती पर भ्रमण करने आते हैं। ऐसे में जो भी भक्त पूरे सावन माह सच्चे मन से शिव की आराधना करते हैं उनकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। सावन में किए गए पूजा के फल में शिव शंकर कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर, शादीशुदा लोगों को सुखी दांपत्य जीवन, निसंतान दंपतियों को संतान सुख का आशीर्वाद देते हैं। सावन में नियमित रूप से शिवलिंग पर जल चढ़ाने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। लेकिन शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय कई बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है वरना आपको शुभ फलों की प्राप्ति नहीं होगी। शिवलिंग कितने बजे जल चढ़ाना चाहिए.| यूं तो भगवान की भक्ति किसी भी समय की जा सकती है लेकिन पूजा सही समय पर की जाए तो शीघ्र फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे ही शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए के लिए एक समयसीमा तय की गई है, जिसमें भक्त उन्हें जल अर्पित कर के शुभ फलों को प्राप्त कर सकते हैं।
कहते हैं शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए प्रात:काल 5 बजे का समय काफी उत्तम बताया गया है। सुबह 5 बजे से लेकर सुबह 11 बजे तक शिवलिंग पर जल चढ़ाया जा सकता है। वहीं शाम के वक्त शिवलिंग पर जल भूलकर भी अर्पित नहीं करें वरना आपको पूजा का फल नहीं मिलेगा। शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय इन बातों का रखें ध्यान शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए शिवलिंग पर केवल जल चढ़ाएं उसमें कोई भी सामग्री न मिलाएं शिवलिंग पर जल हमेशा तांबे के लोटे से ही अर्पित करें (लोहे या स्टिल बर्तन का प्रयोग न करें) कभी भी पूर्व दिशा की ओर मुंह करके जल न चढ़ाएं। उत्तर दिशा की ओर मुख करके शिवजी को जल अर्पित करना शुभ माना गया है शिवलिंग पर खड़े होकर नहीं बल्कि बैठकर ही जल चढ़ाएं तांबे के बर्तन से शिवलिंग पर दूध भूलकर भी अर्पित न करें
सावन सोमवार का महत्व मान्यताओं के मुताबिक, सावन महीने के सोमवार के दिन जो व्यक्ति विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा करता है और व्रत करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। वहीं जिन कन्याओं को अच्छे वर की चाहत है या जो महिलाएं अपने पति के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखना चाहती हैं, उन्हें यह व्रत जरूर करना चाहिए। वैसे तो साल भर भगवान शिव की भक्ति की जाती है लेकिन सावन मास में भगवान शिव की पूजा करने से मनचाही इच्छा जल्द ही पूरी होती है। साथ ही सावन में नित्य रूप से शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए। शिवलिंग पर जल चढ़ाने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है।