Astrology: ज्योतिष शास्त्र में शनि कलयुग के न्याय देवता माने जाते हैं। सभी राशियों को उनके कर्म के अनुसार फल देते हैं। शनि जब अपनी चाल बदलते हैं, तो सभी राशियों के जीवन में प्रभाव देखने को मिलता है। कहा जाता है कि कलयुग में शनि का प्रभाव अधिक माना जाता है। Astrology के अनुसार, शनि सबसे धीमी गति में चलने वाले ग्रह हैं। शनि देव को एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए ढाई साल का समय लगता है। जब शनि किसी राशि में गोचर करते हैं तो उस राशि में शनि की साढ़ेसाती की शुरुआत होती है। ज्योतिष के अनुसार, शनि की साढ़ेसाती से जातकों को कई प्रकार कष्ट, दुख और परेशानियां का सामना करना पड़ता है। बता दें कि शनि को सभी राशियों का भ्रमण करने में पूरा 30 साल का समय लगता है। इस समय शनि कुंभ राशि में विराजमान हैं और साल 2025 में शनि राशि परिवर्तन भी करेंगे। आइए जानते हैं कौन-सी राशियों पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी।
मीन राशि
ज्योतिष के अनुसार, साल 2025 में शनि कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे और उसी समय से मेष राशि का साढ़ेसाती का पहला चरण शुरु होगा। मीन राशि में साढ़ेसाती का दूसरा चरण और कुंभ राशि में आखिरी चरण रहेगा।
मेष राशि
साल 2025 में शनि देव मीन राशि में चले जाएंगे। उस समय से मेष राशि में शनि की साढ़ेसाती शुरु हो जाएगी और मेष राशि में साढ़ेसाती साल 2032 तक रहेगी।
वृषभ राशि
ज्योतिष के अनुसार, वृषभ राशि में भी शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण साल 2027 से शुरु हो जाएगा। इसके अलावा, साल 2029 में मिथुन राशि में साढ़ेसाती शुरु होगी और साल 2036 तक चलेगी।
कर्क राशि
साल 2032 से कर्क राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरु हो जाएगी और यह साल 2038 तक रहेगी।
इन राशियों को साढ़ेसाती से मिलेगी राहत
मार्च 2025 में शनि देव मीन राशि में प्रवेश करने से मकर राशि के लोगों को शनि की साढ़ेसाती से छुटकारा मिल जाएगा। वहीं, कर्क और वृश्चिक राशि के लोगों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी।