astrology news : स्कंद षष्ठी पर पूजन के समय करें इन महामंत्र का जाप, घर आएगी सुख समृद्धि

ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर स्कंद षष्ठी मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की विधि विधान से पूजा होती है और व्रत आदि भी रखा जाता है मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा बरसती है और जीवन …

Update: 2024-01-16 04:27 GMT

ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर स्कंद षष्ठी मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की विधि विधान से पूजा होती है और व्रत आदि भी रखा जाता है मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा बरसती है और जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं इस बार स्कंद षष्ठी का व्रत आज यानी 16 जनवरी दिन मंगलवार को किया जा रहा है।

इस दिन शिव परिवार की पूजा लाभकारी मानी जाती है इसके साथ ही पूजन के समय अगर प्रभु के मंत्र और आरती का जाप किया जाए तो धन धान्य के भंडार भर जाते हैं और आर्थिक परेशानियों से राहत मिलती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान कार्तिकेय के मंत्र और आरती।

भगवान कार्तिकेय का मंत्र—

ऊं शारवाना-भावाया नमः

ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा

देवसेना मनः काँता कार्तिकेया नामोस्तुते

ऊं सुब्रहमणयाया नमः

आरमुखा ओम मुरूगा

वेल वेल मुरूगा मुरूगा

वा वा मुरूगा मुरूगा

वादी वेल अज़्गा मुरूगा

अदियार एलाया मुरूगा

अज़्गा मुरूगा वरूवाई

वादी वेलुधने वरूवाई

कार्तिकेय गायत्री मंत्र

ओम तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोद्यात:

कार्तिकेय स्तोत्र

योगीश्वरो महासेनः कार्तिकेयोऽग्निनन्दनः।

स्कंदः कुमारः सेनानी स्वामी शंकरसंभवः॥

गांगेयस्ताम्रचूडश्च ब्रह्मचारी शिखिध्वजः।

तारकारिरुमापुत्रः क्रोधारिश्च षडाननः॥

शब्दब्रह्मसमुद्रश्च सिद्धः सारस्वतो गुहः।

सनत्कुमारो भगवान् भोगमोक्षफलप्रदः॥

शरजन्मा गणाधीशः पूर्वजो मुक्तिमार्गकृत्।

सर्वागमप्रणेता च वांछितार्थप्रदर्शनः ॥

अष्टाविंशतिनामानि मदीयानीति यः पठेत्।

प्रत्यूषं श्रद्धया युक्तो मूको वाचस्पतिर्भवेत् ॥

महामंत्रमयानीति मम नामानुकीर्तनात्।

महाप्रज्ञामवाप्नोति नात्र कार्या विचारणा ॥

भगवान कार्तिकेय की आरती—

जय जय आरती वेणु गोपाला

वेणु गोपाला वेणु लोला

पाप विदुरा नवनीत चोरा

जय जय आरती वेंकटरमणा

वेंकटरमणा संकटहरणा

सीता राम राधे श्याम

जय जय आरती गौरी मनोहर

गौरी मनोहर भवानी शंकर

सदाशिव उमा महेश्वर

जय जय आरती राज राजेश्वरि

राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि

महा सरस्वती महा लक्ष्मी

महा काली महा लक्ष्मी

जय जय आरती आन्जनेय

आन्जनेय हनुमन्ता

जय जय आरति दत्तात्रेय

दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार

जय जय आरती सिद्धि विनायक

सिद्धि विनायक श्री गणेश

जय जय आरती सुब्रह्मण्य

सुब्रह्मण्य कार्तिकेय

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