ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन नवरात्रि को विशेष माना गया है जो कि मां दुर्गा की साधना आराधना को समर्पित दिन है यह पर्व पूरे नौ दिनों तक चलता है और इस दौरान भक्त मां दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि नवरात्रि में पूजा पाठ और व्रत करने से देवी की असीम कृपा प्राप्त होती है।
इस साल चैत्र नवरात्रि का आरंभ 9 अप्रैल से होने जा रहा है। पहले दिन कलश स्थापना के साथ नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि का हर दिन खास होता है लेकिदन नवरात्रि के आखिरी तीन दिन सप्तमी, अष्टमी और नवमी को विशेष माना गया है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा महाष्टमी और नवमी की तिथि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अष्टमी नवमी पर हर घर में कुल देवी की पूजा, हवन, कन्या पूजन के अनुष्ठान किए जाते हैं चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है इस बार कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 2 मिनट से सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। नवरात्रि का पहला दिन शैलपुत्री की पूजा को समर्पित होता है। वही दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
कब है महाअष्टमी और नवमी—
बता दें कि चैत्र नवरात्रि में महाष्टमी 16 अप्रैल को पड़ रही है जो कि नवरात्रि का आठवां दिन होता है इस दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। इसके अलावा चैत्र नवरात्रि की नवमी 17 अप्रैल को पड़ रही है इस दिन माता के सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना की जाती है।