चैत्र नवरात्रि की अष्टमी नवमी, जानें कन्या पूजन के नियम

Update: 2024-04-07 04:51 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में नवरात्रि को बेहद ही खास माना गया है जो कि मां दुर्गा की साधना आराधना को समर्पित होती है इस दौरान भक्त देवी मां दुर्गा की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं नवरात्रि का पर्व पूरे नौ दिनों तक चलता है जिसमें देवी के नौ अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।
 इस बार चैत्र नवरात्रि का आरंभ 9 अप्रैल से होने जा रहा है और समापन 17 अप्रैल को हो जाएगा। ऐसे में नवरात्रि की अष्टमी 16 अप्रैल और नवमी 17 अप्रैल को मनाई जाएगी। तो आज हम आपको नवरात्रि की अष्टमी और नवमी पर किए जाने वाले कन्या पूजन के नियम बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 कन्या पूजन के जरूरी नियम—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कन्या पूजन के लिए कन्याओं को बुलाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि उनकी आयु दो से 10 वर्ष के बीच की हो। साथ ही पूजन में शामिल होने वाली कन्याओं की कुल संख्या नौ हो। इससे कम नहीं होनी चाहिए। कन्या पूजन के दिन कन्याओं को नहीं बुलाना चाहिए बल्कि एक दिन पहले उनके घर जाकर उन्हें आदर सम्मान के साथ निमंत्रण देना चाहिए। ऐसा करना अच्छा माना जाता है। इसके अलावा कन्या पूजन के दौरान एक बटुक को भी नियमंत्रण देना चाहिए और कन्याओं के साथ उनकी भी पूजा कर उन्हें भोजन कराना चाहिए।
 नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान कन्याओं व बटुक को बुलाकर भोजन जरूर करएं लेकिन उनसे भोजन करने के लिए अधिक जिद्द न करें वे जितना खाना चाहे खा सकते हैं। कन्या पूजन के दौरान कन्याओं और बटुक को हमेशा ही घर की पूर्व दिशा की ओर ही बैठना चाहिए ऐसा करने से माता रानी प्रसन्न हो जाती है और भक्तों को उनके व्रत का पूर्ण फल प्रदान करती है इसके अलावा कन्या पूजन में धन की जगह आप उन्हें वस्तुओं का दान कर सकते है इसे अच्छा माना जाता है।
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