मेष इन राशि वालों को मिलेगा अचानक पैसा, समय तनाव कर सकता है उत्पन्न
ज्योतिष शास्त्र में राहु को चर्चित एवं प्रभाव कारक ग्रह के रूप में तो माना ही जाता है
जनता से रिश्ता बेबडेस्क | ज्योतिष शास्त्र में राहु को चर्चित एवं प्रभाव कारक ग्रह के रूप में तो माना ही जाता है साथ ही आकस्मिकता का कारक ग्रह भी माना जाता हैं। राहुल छाया ग्रह तो हैं प्रभु है परंतु प्रभाव में अस्पष्टता देखने को मिलती है 12 अप्रैल 2022 से ही राहु का परिवर्तन शुक्र की राशि वृष से मंगल की राशि मेष में हो गया है। ऐसे में इनका प्रभाव मंगल की प्रकृति के अनुसार आम जनमानस सहित चराचर जगत पर पड़ेगा। ऐसी स्थिति में मिथुन लग्न अथवा मिथुन राशि वालों पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ेगा इसकी चर्चा यहां पर की जाएगी।
मिथुन लग्न अथवा राशि वालों के लिए राहु का परिवर्तन लाभ अभाव एकादश भाव में हुआ है। राहु की यह सर्वोत्तम स्थितियों में से एक है। यहां पर राहु अपना संपूर्ण प्रभाव दे पाने में सफल होता है, साथ ही साथ राहु यहां आकस्मिक अर्थात अचानक धन लाभ कराने के लिए जाना जाता है। राजनीति का कारक ग्रह होने के कारण राजनीतिक दृष्टि से भी लाभ प्रदान कराने के लिए एकादश भाव श्रेष्ठ भाव के रूप में जाना जाता है। ऐसी स्थिति में मिथुन लग्न अथवा मिथुन राशि वालों के लिए राहु का यह परिवर्तन शुभ फल प्रदायक ही होगा। आकस्मिक धन लाभ कराने में । शेयर बाजार के क्षेत्र से जुड़े जुड़े लोगों के लिए धन लाभ कराने के लिए। व्यापार क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए राज्य के बाहर अथवा राष्ट्र के बाहर व्यापारी गतिविधियों के विस्तार के लिए यह समय अनुकूल बना रहेगा। राहु की दृष्टि तृतीय भाव पराक्रम भाव पर होगा। ऐसी स्थिति में पराक्रम में वृद्धि सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि। भौतिक संसाधनों की प्राप्ति के लिए राहु का यह परिवर्तन लाभदायक होगा। परंतु भाई बंधुओं मित्रों से मनमुटाव तनाव की स्थिति भी अपने दृष्टि के कारण उत्पन्न करेंगे। राहु की दृष्टि पंचम भाव पर होगी ऐसी स्थिति में अध्ययन अध्यापन व संतान पक्ष को लेकर के कोई न कोई चिंता इस अवधि में बनी रहेगी। पढ़ाई के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह समय तनाव उत्पन्न कर सकता है। ऐसी स्थिति में थोड़ा सा संभल करके एकाग्र चित्त होकर के अध्ययन अध्यापन का कार्य किया जाना चाहिए । अगली दृष्टि सप्तम भाव पर होने के कारण दांपत्य जीवन को लेकर के भी थोड़ा बहुत तनाव की स्थिति बना रहेगा। साथ साथ साझेदारीक गतिविधियों में परिवर्तन या तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकता है। व्यापार में परिवर्तन की संभावना भी बन सकती है। प्रेम के मामले में राहु सकारात्मक फल प्रदायक साबित नहीं होंगा। जितने लोगों की मूल कुंडली में राहु की स्थिति तीसरे, छठे, दशवें और ग्यारहवें भाव को छोड़कर अन्य भाव में स्थित है उनके लिए ज्यादा लाभदायक यह परिवर्तन नहीं होगा। फिर भी अगले 18 महीने के लिए मिथुन राशि अथवा मिथुन लग्न वालों के लिए लाभ की दृष्टि से समय अनुकूल बना रहेगा ।
उपाय सामान्य स्तर पर किया जा सकता है इसके लिए अपनी थाली से एक रोटी निकाल कर प्रत्येक दिन गाय और कुत्ते को नियमित तौर पर खिलाते रहे लाभ होगा।
कर्क : कर्क लग्न अथवा कर्क राशि वालों के लिए राहु का गोचर परिवर्तन दशम भाव राज्य भाव पर हुआ है। यह भी राहु की एक उत्तम स्थिति मानी जाती है। कर्क लग्न अथवा कर्क राशि वालों के लिए सामाजिक दृष्टिकोण से, राजनीतिक दृष्टिकोण से, नौकरी में परिवर्तन , पद प्रतिष्ठा में परिवर्तन की स्थिति, कर्म क्षेत्र के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह परिवर्तन बेहतरीन परिवर्तन के रूप में जाना जा सकता है। राहु के दृष्टियों के कारण थोड़ा बहुत तनाव की स्थिति अवश्य उत्पन्न होगा। फिर भी राजनीतिक एवं सामाजिक दृष्टि से यह परिवर्तन उत्तम परिवर्तन होगा । राहु दशम भाव में गोचरीय परिवर्तन करते हुए पिता के स्वास्थ्य में भी कमी कर सकते हैं। दशम स्थान से राहु की दृष्टि द्वितीय स्थान धन भाव पर भी होगा ऐसी स्थिति में अचानक धन खर्च की स्थिति, पारिवारिक खर्च में वृद्धि की स्थिति, वाणी में तीव्रता की स्थिति एवं परिवार में कोई न कोई अचानक कार्य आज आने के कारण धन खर्च की भी उत्पन्न होता ही रहेगा , वाणी पर संयम रखकर ही इस अवधि में विचार करके कार्य करना लाभदायक होगा। चतुर्थ भाव पर दृष्टि पड़ने के कारण माता के स्वास्थ्य को लेकर भी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकता है। गृह और वाहन के सुखों पर खर्च का वातावरण उत्पन्न होगा। सुख के संसाधनों को लेकर के तनाव की स्थिति इस समय अवधि में बना रहेगा । अगली दृष्टि छठे भाव पर होने के कारण रोग कर्ज एवं शत्रु पर विजय प्राप्त होगा अर्थात पुराने रोगों का शमन होगा । यदि कर्ज की स्थिति बनी हुई थी तो उससे मुक्ति मिलने की संभावना भी बनेगी। प्रतियोगिता में विजय की भी स्थिति अवधि में सकारात्मक रूप से बना रहेगा । यदि मूल कुंडली में राहु तीसरे, छठवें, दशवें, एवं ग्यारहवें भाव में है तब तो सकारात्मक फलों में वृद्धि करेंगे परंतु इन भावों को छोड़कर अन्य जगह यदि राहु की स्थिति है तो सतर्क होकर ही कार्य करना होगा एवं मूल कुंडली के अनुसार राहु का उपाय किया जाना नितांत आवश्यक होगा ।
उपाय :- पांच सूखा नारियल बहते जल में अमावस्या के दिन प्रवाहित करते रहें।