जनता से रिश्ता वेबडेस्क | चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की छठी तिथि को मनाए जाने वाला ये चैती छठ चार दिवसीय पर्व है. आज इस पर्व का चौथा दिन है. इस पर्व का प्रारंभ नहाय-खाय के साथ होकर खरना तक चलती है. वहीं तीसरे चौथे दिन सूर्यास्त और सूर्योदय को अर्घ्य दिया जाता है. बता दें कि ये पर्व साल में दो बार आता है, जिसे मुख्यरूप से बिहार के लोगों द्वारा जोरों-शोरों से मनाया जाता है. पहला छठ व्रत चैत्र माह में आता है यानि जो अब चल रहा है वहीं दूसरा छठ व्रत कार्तिक माह में आता है. हालांकि जो छठ कार्तिक माह में आता है उसका महत्व ज्यादा होता है. इस व्रत में लोग 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं. वहीं इसका समापन चौथे दिन यानि आज सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा. ऐसे में अर्घ्य के शुभ मुहूर्त के बारे में पता होना जरूरी है. जानते हैं