April Fool Day : चाणक्य नीति के अनुसार अज्ञानता के बारे में .. जानिए
1 अप्रैल को हर साल फूल डे मनाया जाता है और इस दिन प्रियजन और दोस्त हंसी-मजाक करते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | 1 अप्रैल को हर साल फूल डे मनाया जाता है और इस दिन प्रियजन और दोस्त हंसी-मजाक करते हैं और मूर्ख बनाते हैं और साथ में हंसते हैं। अप्रैल फूल डे केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है। कई देशों में तो इस दिन छुट्टी भी होती है। आचार्य चाणक्य ने भी अज्ञानत के बारे में काफी कुछ कहा है, जिसको समझकर इंसान कई मुश्किलों से बच सकता है। चाणक्य ने बताया है कि जिस तरह बुद्धिमान व्यक्ति हर जगह अपने लक्षणों छोड़कर जाता है, उसी तरह अज्ञान मनुष्य की पहचान की जा सकती है। आइए जानते हैं अज्ञानता के बारे में आचार्य ने क्या कहा है…
किं कुलेन विशालेन विद्याहीने च देहिनाम्।
दुष्कुलं चापि विदुषी देवैरपि हि पूज्यते॥
श्लोक में आचार्य चाणक्य ने कहा है कि विशाल में कुल में जन्मा व्यक्ति अगर विद्याहीन है तो ऐसे विशाल कुल का कोई मतलब नहीं अगर नीच कुल में जन्मा व्यक्ति विद्वान है तो ऐसे में वह देवताओं की तरह पूजा जाता है क्योंकि विद्या ही इंसान को सही और गलत का रास्ता दिखाती है और जीवन में तरक्की के लिए विद्या सबसे जरूरी है। अगर आपके पास धन है लेकिन विद्या नहीं तो ऐसे धन का कोई मतलब नहीं। अगर किसी व्यक्ति के पास धन नहीं है और विद्या है तो वह अपने जीवन में अपार धन प्राप्त कर सकता है। विद्वान की हर जगह प्रशंसा होती है, विद्वान को सर्वत्र गौरव मिलता है, विद्या से सबकुछ प्राप्त होता है और विद्या की सर्वत्र पूजा होती है।