हरतालिका तीज पर बन रहा 'सौम्य' नामक औदायिक योग, शिव-पार्वती की इस विधि से करें पूजा
हरितालिका व्रत तीज मंगलवार को मनाया जाएगा। सोमवार को तीज व्रत करने वाली सुहागनों ने नहाय-खाय का अनुष्ठान संपन्न किया। तीज पर सुहागिन निर्जला व निराहार रहेंगी। रात में भगवान महादेव व मां गौरी की पूजा होगी। पारण बुधवार को होगा।
हरितालिका व्रत तीज मंगलवार को मनाया जाएगा। सोमवार को तीज व्रत करने वाली सुहागनों ने नहाय-खाय का अनुष्ठान संपन्न किया। तीज पर सुहागिन निर्जला व निराहार रहेंगी। रात में भगवान महादेव व मां गौरी की पूजा होगी। पारण बुधवार को होगा।
देवाधिदेव महादेव की होगी पूजा तीज पर महादेव की पूजा होगी। पूजा मंडप में व्रती बालू व मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग तैयार करेंगी। समूह में मंडप में इकह्वी महिलाएं रंग-बिरंगी बांस की डलिया में सजे पूजन सामग्री से महादेव की पूजा करेंगी। इसके बाद अखंड सौभाग्य की कामना करेंगी। इस मौके पर पारंपरिक तीज गीत का गान करेंगी।
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ज्योतिषाचार्य आचार्य श्रीकृष्ण ने कहा कि तीज पर तृतीया तिथि विशेष फल प्रदान करने वाली है। धर्म-शास्त्रत्त् के मुताबिक माता पार्वती (सती) ने भी महादेव को प्राप्त करने के लिए हरितालिका व्रत किया था। सती के व्रत और तप से प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान दिया।
ज्योतिर्विद पं. नरेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि इस दिन तृतीया तिथि का मान दिन में 2:32 बजे तक है। हस्त नक्षत्र भी सम्पूर्ण दिन और रात्रि 11:52 बजे तक है। शुभ योग भी सम्पूर्ण दिन और रात्रि को 10:6 बजे तक है। इस दिन 'सौम्य' नामक औदायिक योग भी बन रहा है। धर्मशास्त्रत्त के अनुसार चतुर्थी से युक्त तृतीया तिथि इस पर्व के लिए मान्य है।
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ऐसे करें पूजा-
सुबह स्नान के बाद शृंगार करें। उसके बाद भगवान शिव, मां पार्वती, गणेश आदि देवी-देवताओं का पूजन करें। दिनभर निर्जला व्रत रहते हुए शाम को पुन स्नान कर सोलह शृंगार करें। विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर तीज व्रत की कथा सुनें। आरती करके पूजा संपन्न करें। अगले दिन सुबह स्नान-ध्यान के बाद सुहाग की वस्तुएं दान कर व्रत का पारण करें।