ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन अक्षय तृतीया को बेहद ही खास माना गया है पंचांग के अनुसार हर साल अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है। इस तिथि को अबूझ मुहूर्त माना गया है यानी इस तिथि पर किसी भी शुभ कार्य और मांगलिक कार्य को बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया पर दान पुण्य, पूजा पाठ, तप जप व शुभ कार्यों को करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है इस दिन माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है इसके साथ ही अक्षय तृतीया पर सोने के गहनो की खरीदारी करना भी उत्तम माना जाता है ऐसा करने से धन दौलत में वृद्धि होती है इस बार अक्षय तृतीया का पर्व 10 मई को मनाया जाएगा, तो आज हम आपको इससे जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
अक्षय तृतीया की तारीख और मुहूर्त—
आपको बता दें कि इस साल अक्षय तृतीया का पर्व 10 मई दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 10 मई को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है वही इस तिथि का समापन 11 मई को सुबह 2 बजकर 50 मिनट पर हो जाएगा।
वही उदया तिथि के अनुसार अक्षय तृतीया का पर्व 10 मई को मनाया जाएगा। अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 48 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा पाठ करना लाभकारी माना जा रहा है।