141 दिन बाद शनि होंगे मार्गी, इन 3 राशियों पर रहेगी कृपा दृष्टि
सूर्यदेव और माता छाया के पुत्र शनिदेव वर्तमान में वक्री अवस्था में कुंभ राशि में संचार कर रहे हैं। शनिदेव 5 जून को वक्री हुए थे। शनि की गति सभी ग्रहों में सबसे धीमी मानी जाती है।
सूर्यदेव और माता छाया के पुत्र शनिदेव वर्तमान में वक्री अवस्था में कुंभ राशि में संचार कर रहे हैं। शनिदेव 5 जून को वक्री हुए थे। शनि की गति सभी ग्रहों में सबसे धीमी मानी जाती है। यही कारण है कि शनि एक राशि से दूसरी राशि जाने में करीब ढाई साल का समय लेते हैं। शनि की वक्री चाल का अर्थ उल्टी चाल से है। मार्गी का अर्थ अपनी सामान्य स्थिति में वापस लौटना यानी कि सीधी चाल चलना है। शनि 141 दिन बाद 23 अक्टूबर को मार्गी होंगे। इसके पहले 12 जुलाई को शनि वक्री अवस्था में मकर राशि में प्रवेश करेंगे और जनवरी 2023 में वापस कुंभ राशि में आ जाएंगे।
मार्गी शनि का इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव-
शनि गोचर के बाद कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या चल रही है। जिसके कारण शनि की मार्गी अवस्था का इन दो राशि वालों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मकर, कुंभ व धनु राशि वालों पर शनि ढैय्या तल रही है। इस राशि के जातकों को इस दौरान सावधान रहने की सलाह दी जाती है। इन पांच राशियों के जातकों को शनि कृपा पाने के लिए शनि मंदिर में शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए व शनि देव से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए।