आचार्य चाणक्य ने लोगों को कुछ विशेष गुणों पर परखने की बात कही है, जाने
किसी पर भरोसा करने से पहले उसे अच्छी तरह से परखना जरूरी है क्योंकि भरोसेमंद व्यक्ति आपकी तमाम गुप्त बातों का साक्षी होता है. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में लोगों को कुछ विशेष गुणों पर परखने की बात कही है, जिनसे आप ये जान सकते हैं कि उस व्यक्ति पर भरोसा किया जाए या नहीं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।
1. आचार्य चाणक्य का कहना था कि अगर आप किसी को देखते ही अपनी राय बना लेते हैं तो ये आपकी भूल हो सकती है. तमाम लोग जैसे होते हैं, वैसे दिखते नहीं और जैसे दिखते हैं, वैसे होते नहीं. इसलिए व्यक्ति को उसके व्यवहार से परखना चाहिए. व्यवहार से परखने के लिए आपको उसके साथ थोड़ा समय बिताना पड़ता है.
2. व्यक्ति के साथ रहते हुए गौर करें कि उसमें त्याग की भावना कितनी है. जिन लोगों में त्याग की भावना होती है, वे दूसरों के दुख दर्द को समझने की क्षमता रखते हैं. ऐसे लोग दूसरों की मदद भी करते हैं. उनके अंदर जमीर जिंदा होता है.
3. व्यक्ति के काम काज से भी उसके बारे में पता लगा सकते हैं. अगर कोई व्यक्ति सूदखोरी करता है, तो वो निश्चित रूप से तेज और चालाक होगा, वरना इस काम को कभी कर ही नहीं पाएगा. इसी तरह जो व्यक्ति जिस तरह का काम करता है, उसमें उस तरह के गुण भी आ जाते हैं. जो लोग मेहनत से धन कमाते हैं, उनके अंदर स्वाभिमान होता है और ऐसे लोगों पर भरोसा किया जा सकता है.
4. व्यक्ति के चरित्र को परखें. व्यक्ति के साथ रहते हुए ये देखें कि स्त्रियों के प्रति वो क्या धारणा रखता है. जो लोग चरित्र के अच्छे हैं, उन पर यकीन किया जा सकता है. लेकिन जिनका चरित्र भ्रष्ट है, वो कभी किसी के सगे साबित नहीं हो सकते.