वास्तु शास्त्र के अनुसार : जानिए किचन की अंदरूनी व्यवस्था के बारे में

वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे किचन की अंदरूनी व्यवस्था के बारे में

Update: 2021-07-06 07:02 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |    वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे किचन की अंदरूनी व्यवस्था के बारे में। किचन की अंदरूनी व्यवस्था में कुछ चीजें बेहद जरुरी होती हैं। किचन में सिंक, पानी का नल, पानी रखने का स्थान, ये सब चीजें किचन की उत्तर दिशा से उत्तर-पूर्व में होनी चाहिए।

ये बात वास्तु शास्त्र के उन नियमों में है जो स्वतंत्र मकान पर भी लागू होते हैं और बंद मकान पर भी, यानी चाहें आप स्वतंत्र मकान में रहते हों या फ्लैट में, और आपके घर में रसोई, घर के किसी भी कोने में हो, पानी, नल, सिंक, वाटर कंटेनर उत्तर से लेकर पूर्व के बीच में ही होंगे। इस नियम में कभी भी किसी दशा में कोई बदलाव नहीं हो सकता है और न ही शिथिलता बदली जा सकती है। किचन में इन चीज़ों के अलावा भी बहुत से मेज़र अप्लायंसेज होते हैं।




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