वास्तुशास्त्र के अनुसार: घर में इन वस्तुओं का रखना होता है अशुभ
वास्तुशास्त्र में बहुत ही विस्तार से बताया गया है कि घर में किस चीज को रखने से आपको लाभ मिलेगा और किस वस्तु से आपको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वास्तुशास्त्र में बहुत ही विस्तार से बताया गया है कि घर में किस चीज को रखने से आपको लाभ मिलेगा और किस वस्तु से आपको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। अक्सर लोग जानकारी के आभाव में अपने घरों में कुछ ऐसी चीजें रख लेते हैं, जिनसे उन्हें आर्थिक दिक्कतों के साथ अपने प्रियजनों और अपने स्वास्थ से जुड़ी परेशानियां उठानी पड़ती हैं। अगर आप बिना किसी कारण के परेशानियों से घिरे हैं, तो वास्तु के कुछ आसान से उपाय आजमा सकते हैं।
1. घर में किसी भी तरह के टूटे बर्तन ना रखें। टूटे बर्तनों से घर में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, इससे आर्थिक संकट पैदा होते हैं। साथ ही अगर चाय के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कप का ऊपरी हिस्सा टूटा हो या स्टील का ग्लास चटक गया हो, तो उसे तुरंत हटा देने में ही समझदारी होती है।
2. घर के मेन गेट पर कभी भी जूते-चप्पल नहीं रखने चाहिए। ये पॉजिटिव एनर्जी को घर में आने से रोकता है। साथ ही ऐसा करने से घर में मनहूसियत का भी वास होता है और बीमारियों का भी प्रकोप रहता है। आर्थिक परेशानियां भी उठानी पड़ सकती हैं।
3. घर में कभी भी बंद घड़ियां न रखें। बंद घड़ियां घर के लोगों के विकास में बाधा बनती हैं, साथ ही धन का आगमन भी रुक जाता है।
4. घर की खिड़कियां हमेशा बंद नहीं रखनी चाहिए, खासतौर से बेडरूम की खिड़कियां तो रोज ही खोलनी चाहिए। जो घर हमेशा बंद रहता है वहां रोग, मानिसक दिक्कतें और धन हानि की संभावना बनी रहती है।
5. अगर आपके घर में किसी भी तरह का वास्तु दोष है, तो घर के मेन गेट पर पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ती या फोटो जरूर लगाएं। साथ ही भगवान गणेश जी को भी मेन गेट पर स्थापित करें।
6. घर में तुलसी का पौधा होना बहुत जरूरी है, लेकिन तुलसी का पौधा रखते वक्त दिशा का ध्यान रखना चाहिए। तुलसी हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में ही रखनी चाहिए और रोज सुबह तुलसी को जल चढ़ाएं और शाम को तुलसी के पास दीप जलाएं। ऐसा करने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
वास्तु के इन आसान उपायों को आजमा कर आप अपने घर में सुख, समृद्धि और शांति ला सकते हैं, साथ ही आर्थिक परेशानियां भी दूर होंगी।